अपना जिलाकबीरधाम जिला

होली किंग्डम मिशनरी स्कूल में धर्मांतरण का आरोप, ABVP ने किया जोरदार प्रदर्शन

कबीरधाम। जिले के प्रतिष्ठित मिशनरी स्कूल होली किंग्डम में धर्मांतरण की गतिविधियों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय के समक्ष जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन गरीब हिन्दू विद्यार्थियों पर ईसाई धर्म अपनाने के लिए मानसिक दबाव बना रहा है और शिक्षा के नाम पर उनके साथ जबरदस्ती की जा रही है।

विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन से स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग की है। इस दौरान परिषद के जिला संयोजक गजाधर वर्मा ने कहा कि होली किंग्डम स्कूल प्रशासन फीस न चुका पाने वाले विद्यार्थियों को धर्म परिवर्तन के लिए डराने-धमकाने का कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि बच्चों को परीक्षा से वंचित करने, भविष्य खराब कर देने की धमकी देने और उनकी धार्मिक आस्थाओं का अपमान करने जैसे गंभीर आरोप स्कूल पर लगे हैं।

वर्मा ने यह भी कहा, “हम शिक्षा को मंदिर मानते हैं, लेकिन यहां धर्म परिवर्तन का अड्डा बनाया जा रहा है। यह देश और समाज दोनों के लिए खतरा है।”

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया और स्कूल की मान्यता रद्द नहीं की गई, तो विद्यार्थी परिषद उप मुख्यमंत्री कार्यालय का घेराव करेगी। परिषद ने संयुक्त कलेक्टर को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा है, जिसमें इस गतिविधि की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है।

ज्ञापन सौंपने के दौरान ABVP के प्रमुख कार्यकर्ता तुलसी यादव, सागर साहू, वैदांत चौहान, विनय साहू, ईश्वर वर्मा और उदय तिवारी सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

प्रशासन और स्कूल की चुप्पी पर सवाल
यह पहला अवसर नहीं है जब होली किंग्डम स्कूल पर धर्मांतरण के आरोप लगे हों। इससे पूर्व भी इस प्रकार की कई शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं की गई, जिससे अभिभावकों और छात्रों में नाराजगी है। ABVP का कहना है कि प्रशासन की निष्क्रियता गरीब व असहाय बच्चों को मजबूर कर रही है कि वे शिक्षा के बदले अपनी धार्मिक आस्था से समझौता करें।

स्कूल प्रशासन की प्रतिक्रिया प्रतीक्षित
फिलहाल इस विषय में स्कूल प्रशासन या जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए समाज के विभिन्न वर्गों में चिंता और रोष व्याप्त है।

Related Articles

Back to top button