मेडिकल कॉलेज के लिए जिले में,दो साल से तलाश 50 एकड़ जमीन नहीं ढूंढ पा रहे अफसर
कवर्धा में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन की तलाश तेजी से जारी है। चिकित्सा शिक्षा संचालक डॉ. विष्णु दत्त और और सचिव डॉ. सीआर प्रसन्ना कवर्धा पहुंचे थे। यहां उन्होंने प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज के लिए चिह्नांकित जमीनों को घूमकर देखा ।क्योंकि मेडिकल कॉलेज के लिए कम से कम 50 एकड़ जमीन चाहिए। लेकिन जिन जगहों पर उन्हें जमीन दिखाई गई, वे पर्याप्त नहीं थे।
चिकित्सा शिक्षा संचालक व सचिव ने भोरमदेव शक्कर कारखाना के सामने परसहा गांव में भूमि देखी । यहां करीब 23 एकड़ जमीन उपलब्ध है। ग्राम बांझीमौहा और फिर कलेक्टोरेट के पीछे मजगांव में भी जमीन देखने गए। लेकिन जिनमें बड़े आकार में जमीन की जरूरत है, उतनी जमीन कहीं भी एक साथ नहीं मिली। वहीं जिला अस्पताल के सामने वन काष्ठागार की भूमि भी विकल्प के तौर पर रखे हैं।
कक्षाएं शुरू होने से किया इनकार कवर्धा में मेडिकल की कक्षाएं शुरू होने की चर्चा है। फिशरीज कॉलेज की क्लासेस पहले शुरू हुई। 2 साल में उसके लिए भवन बना था। वैसे ही मेडिकल कॉलेज भी शुरू करने की चर्चा है। चिकित्सा सचिव डॉ. सीआर प्रसन्ना ने इस बात से इंकार किया है।
चिकित्सा शिक्षा संचालक डॉ. विष्णु मिश्रा व सचिव डॉ. सीआर प्रसन्ना ने जिला अस्पताल का भी निरीक्षण किया। उन्होंने यहां उपलब्ध स्टाफ, संसाधनों व सेवाओं की जानकारी ली। बताया कि अगस्त माह में ही अस्पताल में 58 जटिल प्रसव कराए गए हैं। इस पर अफसरों ने डॉक्टर्स व स्टाफ के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने एनआरसी, एसएनसीयू, महिला व पुरुष वार्डों का मुआयना किया। प्रसूताओं से चर्चा की। कलेक्टर जन्मेजय महोबे, जिपं सीईओ संदीप अग्रवाल, सीएमएचओ डॉ. एसके मुखर्जी, एसडीएम विनय सोनी, सीएस डॉ. पीसी प्रभाकर उपस्थित रहे।
ग्राम परसहा में पहले देखी थी जमीन
भोरमदेव शक्कर कारखाना के सामने नेशनल हाइवे से कुछ दूर ग्राम परसहा की बसाहट है। गांव में करीब 23 एकड़ खाली जमीन है। प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज के लिए सबसे पहले इसी काे चिह्नांकित किए थे। हालांकि, अभी यह फाइनल नहीं हुआ है। लेकिन स्थानीय नेताओं में इसे लेकर अभी से श्रेय लेने की होड़ मची है। हर कोई अपनी-अपनी तरफ से दावे-प्रतिदावे कर रहे हैं।