सियासी संकट: महागठबंधन के विधायकों ने, बैठक में, बैग लेकर CM हाउस पहुंचे, विधायकों की शिफ्टिंग छत्तीसगढ़ में करने की तैयारी|
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज लगातार दूसरे दिन विधायक दल की बैठक बुलाई, जिसमें महागठबंधन यानी आरजेडी और कांग्रेस के विधायकों को भी बुलाया गया है. झारखंड के यूपीए विधायकों को छत्तीसगढ़ भेजा जा सकता है. कुछ विधायक मुख्यमंत्री आवास पर बैग और सामान लेकर पहुंचे हैं. विधायकों को ऐसे प्रदेश में शिफ्ट किया जा सकता है, जहां यूपीए की मजबूत सरकार है. ऐसे में छत्तीसगढ़ में ही विधायकों की शिफ्टिंग की अटकलें लगाई जा रही है.
हेमंत सोरेन की, मुख्यमंत्री की कुर्सी जा सकती है| हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने बहुत पहले ही हमारे मन से डर-भय को निकाल दिया था. हम आदिवासियों में डर और भय के लिए कोई जगह ही नहीं है. साथ ही सीएम सोरेन ने कहा कि “शैतानी ताकतें” लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है, लेकिन वह अपने खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे.
हेमंत सोरेन को रांची जिले के अनगड़ा ब्लॉक में 0.88 एकड़ ज़मीन का खनन पट्टा मिला था. दस्तावेजों के मुताबिक 28 मई 2021 को हेमंत सोरेन ने आवेदन दिया और उन्हें 15 जून 2021 को मंजूरी मिल गई थी. इसके बाद 9 सितंबर को पर्यावरण विभाग से मंजूरी मांगी गई जो 22 सितंबर को मिल गई. 11 फरवरी 2022 को बीजेपी ने राज्यपाल से मिलकर शिकायत की कि ये लाभ के पद का मामला बनता है और सीएम खुद के नाम से खनन पट्टा नहीं ले सकते. इसके बाद हेमंत सोरेन ने 11 फरवरी 2022 को लीज सरेंडर करके खुद को अलग कर लिया.
खनन के धंधे में हेमंत सोरेन सरकार के भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ तब होना शुरू हुआ जब झारखंड की खनन सचिव रह चुकी पूजा सिंघल के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी शुरू की. ईडी को पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार के एक ही ठिकाने से साढ़े सत्रह करोड़ रुपये नकद मिले थे. ये रकम इतनी ज्यादा थी कि गिनने में 14 घंटे का वक्त लग गया था. ईडी सूत्रों के हवाले से दावा किया गया कि पूजा सिंघल और उनके करीबियों के करीब 150 करोड़ रुपये के निवेश का खुलासा हुआ और कई अहम दस्तावेज भी मिले.