खतरनाक सफर:
रेल हादसा : बीते दो महीने में नागपुर मंडल में तीसरा रेल हादसा हुआ है।इंजन के पीछे लगी दो बोगियों के पांच पहिए पटरी से उतर गए। लगातार दूसरी बार शिवनाथ एक्सप्रेस डिरेल हुई है। गंभीर बात यह है कि दोनों ही बार शिवनाथ डोंगरगढ़ में ही डिरेल हुई है। इससे मेंटेनेंस वर्क और सुरक्षा व्यवस्था को सवाल खड़े हो रहे हैं। लेकिन मौके पर पहुंचे रेल अफसर जांच का आदेश देकर लौट गए।
शिवनाथ एक्सप्रेस के। इसके पहले 27 जून को इसी ट्रेन की एक बोगी पटरी से उतर गई थी। राहत की बात रही कि मंगवार को हुआ हादसा भी तब हुआ जब ट्रेन यार्ड में चौथे लाइन पर शिफ्ट हुई थी, तब ट्रेन की स्पीड काफी कम थी,
यात्रियों को बड़ा नुकसान नहीं हुआ। 17 अगस्त को ही गोंदिया में भगत की कोठी एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकरा गई थी। जिसमें 50 यात्रियों को चोटें आ। नागपुर रेल मंडल में दो महीने के भीतर ही तीन हादसे हो चुके हैं। तकनीकी अफसरों ने भी फिलहाल जानकारी नहीं दे पाने की बात कह दी। वहीं डीआरएम मनिंदर उत्पल ने हादसे की जांच जारी होने का दावा किया है।
पहियों के पटरी से उतरते ही यात्रियों को जोर का झटका लगा। तब ज्यादातर यात्री नींद में थे। अचानक लगे ऐसे झटके के बाद यात्री सहम गए। वहीं बोगी में चीख पुकार भी मच गई। अफसरों को जैसे ही घटना की जानकारी हुई, उन्होंने दोनों बोगियों में मौजूद यात्रियों को स्लीपर कोच में शिफ्ट किया। इससे यात्रियों की परेशानी और बढ़ गई।
हादसे की वजह से करीब 7 एक्सप्रेस ट्रेनों की टाइमिंग दो से तीन घंटे प्रभावित हुई। इसमें छग एक्सप्रेस, गोंदिया बरौनी, बिलासपुर चेन्नई एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनें शामिल हैं। हालाकि यार्ड में हादसा होने की वजह से आवाजाही पर बड़ा असर नहीं पड़ा। इधर 62 ट्रेनों को पहले ही रद्द कर दिया गया है, इससे यात्री और भी परेशान हैं।
हादसे के बाद गोंदिया से पहुंची टूल वैन के कर्मचारियों ने मरम्मत कार्य शुरू किया। दोनों बोगियों को ट्रेन से अलग किया गया। इस दौरान करीब तीन घंटे तक समय लगा। तब तक बेचैन यात्रियों ने हंगामा मचाना भी शुरू कर दिया था। सुबह 5.45 बजे मरम्मत कार्य पूरा और ट्रेन को नांदगांव लाकर दोबारा गंतव्य के लिए रवाना किया गया।