कृष्ण जन्माष्टमी : सुबह होते ही मंदिर की चौखट पर सूर्य की पहली किरण
कवर्धा : यहां स्थित कई मंदिर व इमारतें हैं, जिसके अंदर कई रहस्य छिपे हुए हैं। ऐसा ही रहस्य राधाकृष्ण मंदिर में भी छिपा हुआ है। कृष्ण जन्माष्टमी पर हम आपको मंदिर की खासियत और उससे जुड़े रहस्यो से परिचित कराएंगे। ये मंदिर 221 साल पुराना है। यह शहर का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जो वास्तुशास्त्र के अनुरूप बना है। सुबह सूर्य की पहली किरण राधाकृष्ण मंदिर की चौखट पर पड़ती है। इस मंदिर के नीचे गुप्त सुरंग बना हैं। बताया जाता है कि इस मंदिर के नीचे बने सुरंग का दूसरा छोर भोरमदेव मंदिर मंदिर में जा के निकलता है। हालांकि, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित व इतिहासकार आदित्य श्रीवास्तव इसे अफवाह बताते है। क्योकि इतनी दूर तक सुरंग बनाना बहुत मुश्किल है,क्योकि बीच मे नदी प्रवाहित होती है। चुकी, यह सुरंग मंदिर के नीचे बने परिक्रमा कक्ष है।
धर्म के प्रति राजा महाबली सिंह अटूट आस्था थी
वर्ष 1751 से 1801 तक कवर्धा रियासत के राजा महाबली सिंह थे, जिनकी धर्म के प्रति अटूट आस्था थी। इसी समय राजा महाबली सिंह ने वर्ष 1801 में राधाकृष्ण मंदिर की आधारशिला रखी थी। साल 1802 में मंदिर का निर्माण पूरा हुआ था। तब तक राजा महाबली सिंह की मृत्यु हो चुकी थी और राजगद्दी उनके पुत्र उजियार सिंह ने संभाल ली थी। यह वह वक्त था, जब राजा उजियार सिंह वृंदावन धाम से लौटे थे। इसी वर्ष मार्ग शीर्ष कृष्ण पक्ष की पंचमी को उन्होंने मंदिर में राधाकृष्ण की प्राण-प्रतिष्ठा कराई थी। शहर का यह एकमात्र ऐसा मंदिर है, जो वास्तुशास्त्र के अनुरूप बनी है। सुबह सूर्य की पहली किरण मंदिर की चौखट पर ही पड़ती है।
सुरंग के अंदर जाने के कई द्वार, व 8 झरोखे भी
राधाकृष्ण बड़े मंदिर में भूमिगत सुरंग चूने पत्थर की बनी हुई है। बड़े मंदिर के सामने सुरंग के भीतर जाने का एकमात्र मुख्य द्वार है। इसका आकार लगभग दो फीट है। वहीं चार द्वार मंदिर के पीछे है और 8 झरोखे भी बने हैं, जो सुरंग के भीतर हवादान का काम करती है। वर्तमान में सुरक्षा कारणों से सुरंग काे बंद कर दिया गया है।
आज जन्माष्टमी ,कल गोविंदोत्सव पर दही लूट
शहर स्थित राधाकृष्ण बड़े मंदिर में 19 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। सर्व यादव समाज कवर्धा की ओर से जन्माष्टमी पर सुबह अंबेडकर चौक स्थित सामाजिक भवन में कुर्सी दौड़, रंगोली व मेहंदी स्पर्धा का आयोजन किया गया है। दोपहर 3 बजे तिरंगा और धर्म ध्वज के साथ बाइक रैली निकाली जाएगी। शाम 7 बजे मंदिर में राधाकृष्ण की मूर्ति स्थापना होगी। वहीं 20 अगस्त को गोविंदोत्सव पर दही लूट का आयोजन किया गया है।