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निगम शहरी क्षेत्र में हो रही, बड़े स्तर पर अवैध प्लॉटिंग… जानिए पूरा मामला?

शिकायत पत्र
अवैध प्लॉटिंग

तहलका न्यूज दुर्ग// दुर्ग निगम शहरी क्षेत्र के विकास की रूपरेखा बनाने में सत्ताधारी एवं जिला प्रशासन कई तरह के मापदंडों का उपयोग कर विकास को आगे बढ़ाते हैं, परंतु शहर के विकास में बाधा बन रहे जमीन दलालो पर विभागीय शिकजा नहीं कसा जा रहा, और ऐसा कोई नियम भी नहीं जो दलालो पर लागु हो और इसी बात का फायदा उठाकर जमीन दलाल शहर की सुंदरता पर दाग लगाने में पीछे नहीं हैं….
   अभी तक आपने सुना होगा की शहर के बाहरी इलाकों में खुलकर अवैध प्लाटिंग की जा रही है और समय-समय पर इन पर जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही भी होती है, परंतु अब एक ऐसा मामला सामने आया है जो आपको चौंका देगा मामला शहर के बीच में कई एकड़ जमीन पर अवैध प्लाटिंग का है शहर का मध्य क्षेत्र के रूप में कसारीडीह क्षेत्र आता है, ऐसे में केलाबाड़ी वार्ड नंबर 41 में खुलकर अवैध प्लाटिंग का कार्य इन दिनों जोरों पर है, इस वार्ड को शहर में मुस्लिम बाहुल्य वार्ड के रूप में जाना जाता है, ऐसे में इस वार्ड के एक बड़े हिस्से में खुलकर अवैध प्लाटिंग का कार्य इन दिनों जोरों पर है….
  इस मामले पर शिकायत भी जिला प्रशासन को की जा चुकी है, अगर शिकायतकर्ता के शिकायत की बात को सच माने तो खसरा नंबर 687 का बटाकन कई हिस्सों में हो चुका है और लगभग हजार टुकडे इस खसरा नंबर के हो चुके हैं, वहीं इसी खसरा नंबर के टुकड़ा 687/1 जो लगभग 5 से 6 एकड़ के करीब है अब इस पर भी अवैध प्लाटिंग का कार्य चालू हो चुका है.
  आश्चर्य की बात यह है कि निगम क्षेत्र के अधीन इतने बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग का काम जोरों पर है और मामले पर वार्ड पार्षद द्वारा संज्ञान ना लेना भी कहीं ना कहीं वार्ड पार्षद की भूमिका पर प्रश्न चिन्ह लगाया जा रहा है….
  इस मामले की शिकायत जनवरी 2025 से लगातार निगम कार्यालय, जिला प्रशासन,तहसील कार्यालय एवं डाउन एंड कंट्री प्लान में किया जा चुका है, लगभग आधा दर्जन शिकायत के बाद भी किसी भी विभाग की नींद न खुलना कहीं ना कहीं जिला प्रशासन और सम्बंधित विभागों के द्वारा अवैध प्लाटिंग को बढ़ावा देना जैसा प्रतीत हो रहा है, शहर के मध्य हो रहे इस अवैध प्लाटिंग में एक तरफ जहां शासन का लाखों करोड़ों रुपए का नुकसान तो हो ही रहा है, वही विकास के मापदंड को अपनाने में सरकार और प्रशासन को भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, बावजूद इसके भी केलाबाड़ी वार्ड नंबर 41 में खुलकर होने वाले अवैध प्लाटिंग पर आखिर जिला प्रशासन और निगम प्रशासन क्यों मौन है….?

पटवारी ने उठाई आपत्ति फिर भी हो गई, जमीन की खरीदी बिक्री का खेल…..

जमीन की खरीदी बिक्री में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका पटवारी की रहती है, सारे रिकॉर्ड पटवारी द्वारा ही संरक्षित किए जाते हैं एवं खरीदी बिक्री के समय प्रथम अभिमत पटवारी के द्वारा दिया जाता है, 687 नंबर खसरा में भी क्षेत्र के पटवारी ने अपना अभीमत पेश किया, परंतु दस्तावेजों में जो विभागीय खेल भू अभिलेख शाखा, तहसील ऑफिस, पंजीयन कार्यालय व अन्य संबंधित विभाग में हुआ वह चौंकाने वाला है ऐसे में जब पटवारी द्वारा ही यह स्वीकार किया जा रहा है,  उक्त प्लांट आवासी भूमि में होने के लिए संपूर्ण दस्तावेज संलग्न नहीं है ऐसे में रजिस्ट्री कैसे हुई और निगम द्वारा भवन बनाने की अनुमति कैसे दी, गई यह एक उच्च स्तरीय जांच का विषय है… ?

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