वात्सल्य योजना: घुमंतू बच्चों को पढ़ाई-स्वास्थ्य के लिए हर माह 4000 मिलेंगे, इसमें राज्य के साथ केंद्र का भी अंशदान|

सड़कों पर घूमने वाले ऐसे बच्चों को सरकार की तरफ से अब हर महीने 4 हजार रुपए मिलेंगे, जो चौक-चौराहों पर या रेल डिब्बों में खेल-तमाशा दिखाकर और झाड़ू लगाकर भीख मांगते हैं। वात्सल्य योजना के तरह ये पैसे उनकी पढ़ाई और स्वास्थ्य के लिए दिए जाएंगे। रायपुर में ऐसे 65 और प्रदेशभर में करीब ढाई सौ बच्चों की पहचान की गई है, जिन्हें इस योजना का फायदा होगा।
महिला बाल विकास ने रायपुर जिले में सर्वे कर 29 घुमंतू तथा भिक्षावृत्ति-बालश्रम करनेवाले 37 बच्चों का पता लगाया है। तगड़ी मानीटरिंग के बाद इनका चयन हुआ है। अफसरों ने बताया कि ऐसे बच्चों के लिए एकीकृत बाल संरक्षण योजना प्रदेश में मार्च 2022 में शुरू हुई थी।
इसके तहत रायपुर जिले में पांच बच्चों का चयन कर उन्हें पढ़ाई-स्वास्थ्य के लिए 2 हजार रुपए महीना दिए जा रहे थे। अब यह वात्सल्य योजना के नाम से जानी जाएगी, जिसमें 2 हजार रुपए महीना और बढ़ाया गया है। इस योजना का लाभ ऐसे बच्चे भी उठा सकेंगे जिनकी शहरी क्षेत्र में वार्षिक आय 96 हजार तथा ग्रामीण क्षेत्र में 72 हजार रुपये से कम है।
एकीकृत बाल संरक्षण योजना को मिशन वात्सल्य के रूप में परिवर्तित किया गया है। इसी के तहत घुमंतू और बेसहारा बालकों को अब शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए हर माह चार हजार रुपये दिए जाएंगे। -नवनीत स्वर्णकार, जिला बाल संरक्षण अधिकारी