रेलवे की पटरी किनारे पौधे लगाने की तैयारी: यात्रियों को बदबू से बचाने के लिए,पटरी के किनारे लगाए जा रहे है पौधे|

रेलवे ने ट्रैक के किनारे गंदगी के ढेर को खत्म करने के लिए सुगंधित और औषधीय पौधे लगाने का फैसला लिया है। प्रशासन शुरू में इसे बिलासपुर जोन के कुछ हिस्सों में लगाने जा रहा है। इसके तहत रायपुर, बिलासपुर और नागपुर तीनों मंडल में इसकी शुरुआत होगी। रेलवे स्वच्छ भारत मिशन के तहत लगातार साफ सफाई पर जोर दे रहा है।
इसी कड़ी में यह आदेश जारी किया गया है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत कुल दूरी 2400 किलोमीटर है। इसमें पटरी के किनारे लाखों हेक्टेयर जमीन है। वर्तमान में इन जमीनों का उपयोग नहीं हो पा रहा है।
पौधे लगाने से ट्रैक की खाली पड़ी जमीन का उपयोग भी होगा और पर्यावरण संतुलन में मदद भी मिलेगी। रेलवे प्रशासन ने जोन में सबसे पहले बिलासपुर से झारसुगड़ा और कटनी रेलवे लाइन के कुछ हिस्सों का चयन किया है।
यहां पौधे लगाने का काम शुरू हो चुका है। ट्रैक के किनारे कम ऊंचाई वाले सुगंधित, औषधीय, सजावटी पौधे लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा लता, पर्वतारोही, जड़ी बूटी, रंग बिरंगे फूल के पौधे भी लगाए जाएंगे। बिलासपुर जोन से तीनों मंडल को पत्र भेज दिया गया है।
इन पौधों को ऐसे लगाया जाएगा कि आंधी तूफान में ट्रैक बाधित न हो। यानी पेड़ गिरते भी हैं तो ट्रैक पर न गिरें। पौधे लग जाने से यात्रा के दौरान बदबू न आए, ये मुख्य उद्देश्य है। वहीं पौधों के लग जाने से कोच के अंदर बैठे लोगों को खुबसूरत नजारा देखने को मिलेगा।
रेलवे ट्रैक के किनारे का दृश्य अब मनोरम होगा, क्योंकि रेलवे प्रशासन ट्रैक के किनारे खाली पड़ी जमीन पर सुगंधित पौधे लगाने जा रहा है। जल्द ही पौधे लगाने का काम शुरू हो जाएगा।