2 टॉपर्स की अनोखी कहानी: 11 गोल्ड मेडल हासिल करने वाली पल्लवी ने छोड़ी 1 करोड़ की नौकरी ||

हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (HNLU) के दीक्षांत समारोह में टॉपर्स और पढ़ाई में बेहतर करने वाले स्टूडेंट्स का सम्मान किया गया। दो बेटियां ऐसी थीं जिनके हौसले और कुछ अलग करने के जज्बे ने सभी काे इंस्पायर किया। देश के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने इन बच्चियों का हौसला बढ़ाया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी इन स्टूडेंट्स को बधाई देते दिखे।
इन दो स्टूडेंट्स की कामयाबी के पीछे की कहानी बेहद प्रेरक है। पहली हैं पल्लवी मिश्रा, दिल्ली की रहने वाली इस स्टूडेंट को यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान एक दो नहीं बल्कि पूरे 11 गोल्ड मेडल मिले हैं। दूसरी हैं यवनिका, देख न पाने वाली यवनिका की कामयाबी देखकर आज दुनिया हैरान है।
मास्टर्स की पढ़ाई के लिए पल्लवी का सिलेक्शन इंग्लैंड की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में हुआ। वहां पढ़ाई के दौरान कॉरपोरेट लॉ में मास्टर्स किया। अच्छी परफॉर्मेंस के लिए वहां 2 गोल्ड मेडल मिले। लंदन की एक कंपनी ने उन्हें 1 करोड़ का पैकेज ऑफर किया था। अब दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं के साथ काम करते हुए पल्लवी जज बनने की तैयारियों में जुट जाएंगी। 10 सेमेस्टर में से 6 में वे टॉपर रही हैं।
यवनिका लॉ की फील्ड में दिव्यांगों के अधिकारों और कानूनी जागरुकता पर काम करना चाहती हैं। उनकी मां यवनिका के पिता कुलदीप भारतीय रेल सेवा में अधिकारी हैं तथा मां स्पेशल एजुकेटर के तौर पर काम कर रही थीं। यवनिका ने फैसला लिया कि वो लॉ की पढ़ाई करेंगी। यवनिका ने रायपुर के हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया। यवनिका को कोई परेशानी ना हो इसके लिए उनकी मां ने अपनी नौकरी छोड़ दी और यवनिका के साथ ही रायपुर में पांच वर्ष तक रहीं। यवनिका के दोस्त भी ब्लैक बोर्ड पर लिखी बातें उन्हें बताया करते थे, सपोर्ट करते थे। दिल्ली से पिता नोटस भिजवाया करते थे और इस तरह एक मुश्किल सफर को यवनिका ने हौसला न हारते हुए पूरा किया।