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जानलेवा लापरवाही : 26 दिनों में ,नदी नालों में बहने से चार लोगो कि जान गाई |

नदी नालों में बनाए गए एनीकट के ऊपर पानी होने की स्थिति में पार करना जानलेवा हो सकता है, यह जानते हुए भी लोग उसे पार करने का रिस्क लेते हैं। यह रिस्क जानलेवा हो सकता है। इसमें कभी भी तेज धार आ सकती है, इस माह के पिछले 26 दिनों में चार ऐसी घटनाएं हुई है, जिसमें दो लोगों की मौत एनीकट को पार करते समय हुई है। वहीं दो लोगों की मौत नहाते समय लापरवाही बरते के कारण हुई है। इसलिए कम से कम बारिश के दिनों में ऐसे नदी नालों को पार करते समय खुद की जान को जोखिम में न डालें।

एक्सपर्ट के अनुसार यदि ऐसी घटना हो भी जाए तो पानी में बह रहे व्यक्ति को अपना मॉरल डाउन नहीं करना चाहिए, यदि उसे तैरना न भी आता हो तो भी वह पानी के अंदर अपने हाथ और पैरों को चलाता रहे ताकि उसका शरीर पानी में डूबे मत और पानी की धार के साथ ही किनारे की ओर जाने का प्रयास करे, तब वह खुद को बचा सकता है। बरसात के दिनों में लोग नदी, नालों व तालाबों के किनारे मछली मारने के लिए पहुंच जाते हैं। जबकि 15 जून से ही मछली मारने पर रोक लगा दी जाती है।

इसके दो कारण है, यह समय मछलियों के प्रजनन काल का होता है, दूसरा इसी समय में बारिश के कारण नदी, नालों का जल स्तर अचानक बढ़ने की स्थिति में मछुआरों की जान को खतरा भी हो सकता है। लेकिन लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं और मछली मारने चले जाते हैं। इस माह हुई भारी बारिश के कारण बीच बीच में जिले की नदी व नालों में अचानक बारिश का पानी बढ़ने की घटना हुई है, फिर भी अति उत्साह के कारण पानी में उतरकर नहाने या मछली पकड़ने के चक्कर में अक्सर यहां हादसे हाे रहे हैं।

पामगढ़ थाना अंतर्गत पनगांव स्थित कंजी नाले में 4 जुलाई सुबह करीब 10 बजे गांव के दो युवक जयप्रकाश यादव (22) और उमेश यादव (18) एनीकट के नीचे तक पानी होने के कारण बारिश में बहकर आई लकड़ी को लेने के लिए दूसरे छोर तक चले गए थे। दोनों एनीकट के ऊपर से लौट रहे थे तभी नाले का जल स्तर अचानक बढ़ गया, और पानी एनीकट के ऊपर तेज गति से आ गया। दोनों युवक बहने लगे। उमेश ने एनीकट के गेट के रॉड को पकड़कर अपनी जान बचाई। वहीं जयप्रकाश पानी के साथ बह गया। उमेश बीच में फंसा रहा। स्थानीय लोग मौके मदद से उमेश को तो जैसे-तैसे रस्सी व लकड़ियों के सहारे बचाया, लेकिन जयप्रकाश यादव की लाश 22 घंटे की मशक्कत के बाद एसडीआरएफ की टीम को मिली

हसौद थाना क्षेत्र के देवरीमठ का युवक मनोज कुमार कुर्रे (32 साल) पिता सुंदर लाल 25 जुलाई की सुबह 7 बजे महानदी में नहाने गया था, वहां कुछ मछुआरे मछली मार रहे थे, उन्हें देख वह भी उनके पीछे-पीछे नदी में पानी की गहराई के बीच चला गया और पानी के तेज बहाव में बह गया। जिसके बाद उसकी कोई जानकारी नहीं मिली, इधर मनोज को नदी में बहने की जानकारी मिलते ही आसपास के लोग मौके पर पहुुुंचे और स्थानीय व एसडीआरएफ के गोताखोरों की मदद से उसकी खोजबीन शुरू की। 31 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसकी लाश घटना स्थल से लगभग 2 किलोमीटर दूर डोटमा गांव में एसडीआरएफ की टीम को मिली।

नवागढ़ थाना अंतर्गत कटौद के कुसुम बंजारे का 14 वर्षीय बेटा इशमन्नू बंजारे 29 जुलाई की सुबह 10 बजे अपने दोस्तों के साथ कंजीनाला नहाने गया था, उसे तैरना नहीं आता था। जिसके कारण उसके दोस्तों ने उसे नाले के किनारे में नहाने कहा और उसके दोस्त गहराई में तैरने चले गए, इधर दोस्तों को नाला में तैरता देख उसे भी तैरने की इच्छा हुई और वह भी पानी की गहराई में चला गया, लेकिन वह पानी के तेज बहाव में बह गया। 18 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसकी लाश 1 किलोमीटर की दूरी पर शनिवार 30 जुलाई को मिली।

{ प्रत्यक्षदर्शी नहीं मिल पाने के कारण रेस्क्यू टीम में लगे गोताेखोरों की टीम को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। { पानी में बहते समय अधिकांश लोग घबरा जाते हैं, जिसके कारण बेचैनी और बढ़ जाती है, जरूरत है कि पानी में डूबने वाला व्यक्ति संयम रखे। { व्यक्ति को तैरना नहीं भी आता है कि तब भी वह अपने हाथों व पैरों को पानी के अंदर चलाता रहे, ताकि उसका शरीर पानी के ऊपर ही रहे, साथ ही वह पानी के बहाव के साथ बहते हुए किनारे तक आने की काेशिश करे। { पानी के तेज बहाव होने के बाद भी वह पानी में बह रहे लकड़ी या झाड़ियों का सहारा लेकर स्वयं सुरक्षित रहे और धीरे-धीरे किनारे तक पहुंचने का प्रयास लगातार जारी रखे। { यदि किसी व्यक्ति को नदी, नालों के तेज बहाव में बहता देखे ताे बचाव करने वाले व्यक्ति के लिए जरूरी है कि बचाव के दौरान वह पीड़ित को अपने ऊपर चढ़ने से बचे, साथ ही पानी के बहाव के साथ ही हाथ पैर मारते हुए या बालों को पकड़कर उसे नदी किनारे तक ले आए।

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