गौमूत्र खरीदी: पहले ही दिन में,गौमूत्र खरीदी में कबीरधाम जिले ने मारी बाजी|

राज्य में 28 जुलाई हरेली पर्व से शुरू हुई गौ-मूत्र खरीदी के पहले दिन 2306 लीटर गौ-मूत्र खरीदी की गई है। पहले दिन गौमूत्र खरीदी में कबीरधाम जिले ने बाजी मारी है। पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा 307 लीटर खरीदी कबीरधाम जिले के गौठान में हुई है। वहीं दूसरी ओर बेमेतरा की स्थिति पहले दिन ठीक नहीं रहीं है। बेमेतरा जिले में मात्र 85 लीटर गौ-मूत्र की खरीदी हो सकी है। इन दोनों जिले में गुरुवार से गौठानों में खरीदी शुरू हुई है। शुक्रवार को राज्य सरकार ने पहले दिन के खरीदी रिपोर्ट जारी की है। सर्वाधिक 307 लीटर गौ-मूत्र की खरीदी कबीरधाम जिले में हुई। बालोद जिले में पहले दिन 287 लीटर व महासमुंद जिले में 184 लीटर गौ-मूत्र की खरीदी हुई। कबीरधाम जिले में गौ-मूत्र की खरीदी मॉडल गौठान बिरकोना और बीरेंद्र नगर के गौठान से हुई है। इसी तरह बेमेतरा जिले के साजा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम ओड़िया में शुरू हुई है। राज्य में 4 रुपए लीटर की दर से गौ-मूत्र खरीदी की शुरुआत फिलहाल 63 गांवों के गौठानों में हुई है।
आने वाले दिनों में सभी गौठानों में इसकी खरीदी होने लगेगी। इसके लिए आवश्यक तैयारियों के साथ-साथ गौठान समितियों के सदस्यों और महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को गौ-मूत्र की खरीदी से लेकर उससे जैविक कीटनाशक ,जीवामृत-ग्रोथ प्रमोटर बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गौमूत्र खरीदी संबंधित राज्य के जिलों की स्थिति : 28 जुलाई को कबीरधाम जिले में सर्वाधिक 307 लीटर, राजनादगांव में 47, बेमेतरा में 85, दुर्ग में 52 ,बालोद जिले में 207, बलौदा- बाजार में 55, रायपुर में 64, महासमुंद में 184, धमतरी में 12, कांकेर जिले में 125, कोंडागांव में 15, बस्तर में 59, नारायणपुर में 11 दंतेवाड़ा में 112, सुकमा जिले में 105 और बीजापुर जिले में 35 लीटर, कोरिया जिले में 110 लीटर, बलरामपुर जिले में 45 लीटर, सूरजपुर में 37 लीटर, सरगुजा में 163 लीटर, जशपुर में 24 लीटर, रायगढ़ में 49 लीटर, कोरबा में 82 लीटर, जांजगीर-चांपा में 36 लीटर, बिलासपुर में 39 लीटर, मुंगेली में 52 लीटर , गौरेला -पेंड्रा- मरवाही जिले में 15 लीटर गौ-मूत्र की खरीदी हुई।
जिले में गौठानों की संख्या करीब 500 से अधिक है। हालांकि दाेनों जिले में गौ-मूत्र की खरीदी एक-दो गौठान में शुरू की गई है। वैसे बेमेतरा जिले में 198 में से 186 गौठान सक्रिय है। इसी प्रकार कबीरधाम जिले में सक्रिय गौठान की संख्य भी 300 के करीब है। बेमेतरा जपं अंतर्गत कुल 94 गौठान स्वीकृत है, जिसमें 66 गौठान का निर्माण पूर्ण, साजा ब्लॉक अंतर्गत 121 गौठान स्वीकृत, जिसमें 98 पूर्ण, नवागढ़ ब्लॉक अंतर्गत स्वीकृत गौठान 95, जिसमें 61 पूर्ण व बेरला ब्लॉक अंतर्गत 90 गौठान स्वीकृत, जिसमें 58 पूर्ण हैं। जिले के कुछेक गौठानों में आजीविका मूलक गतिविधियों तथा स्व-सहायता समूह द्वारा मछली पालन, मुर्गी पालन, मशरूम उत्पादन, दोना पत्तल निर्माण भी किया जा रहा है।
शासन का दावा है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो पशुपालक ग्रामीणों से दो रुपए किलो में गोबर खरीदी के बाद अब 4 रुपए लीटर में गौ-मूत्र की खरीदी कर रहा है। राज्य में पशुपालकों की आय में बढ़ोत्तरी और जैविक खेती को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। गोबर की खरीदी और इससे जैविक खाद के निर्माण से राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। गौ-मूत्र खरीदी का मकसद गौठानों में जैविक कीटनाशक, जीवामृत, ग्रोथ प्रमोटर का निर्माण करना है, ताकि किसानों को कम कीमत पर जैविक कीटनाशक सहजता से उपलब्ध कराया जा सके।
छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना की शुरुआत 2 साल पहले 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व के दिन से ही हुई थी। इसके तहत गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों से गोबर खरीदी कर बड़े पैमाने पर जैविक खाद का निर्माण और उसका खेती में उपयोग किया जा रहा है। गौ-मूत्र से जैविक कीटनाशक तैयार कर किसानों को 50 रुपए लीटर में उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य में गोबर के बाद अब गौ-मूत्र खरीदी का उद्देश्य जैविक खेती को बढ़ावा देकर खाद्यान्न की विषाक्तता में कमी लाना व खेती की लागत को कम करना है