कबीरधाम विशेष

कूबा क्षेत्र में संकट:रेत-मिट्टी से जाम हुआ एनीकट, जंग लगे पुर्जों के कारण नहीं खुल रहा गेट

नगर से कुछ दूर पर ग्राम कूबा खुर्द में हाफ नदी में एनीकट का निर्माण किया गया है। ये एनीकट रेत-मिट्टी से जाम हो गया है। जंग लगे पुर्जों के कारण एनीकट के गेट खुल नहीं रहे हैं, जिससे आसपास खेतों में पानी भरने का खतरा बढ़ गया है।

अंचल में रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण नदी का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है। इससे किसानों की फिक्र बढ़ गई है। कूबा खुर्द में सिंचाई के लिए नदी में एनीकट का निर्माण किए लगभग 5 साल बीत चुके हैं। नहर न बनने के कारण इस एनीकट के गेट एक बार भी नहीं खोले गए।

गेट बंद रहने से नदी में बहकर आए रेत-मिट‌्टी यहां रुक रहा है। निर्माण के बाद एक भी बार इसकी सफाई नहीं हुई है। लंबे समय से गेट बंद रहने और रिपेयरिंग न होने के कारण गेट के पुर्जों में जंग लग चुका है। इस वजह से गेट नहीं खुल पा रहा है। बारिश के कारण नदी का जल लगातार बढ़ रहा है। गेट बंद रहने से ऊपरी क्षेत्र में पानी का दबाव बढ़ रहा है, जिससे खेतों में पानी भरने का खतरा है।

कर्मचारी आए और इसे देखकर चले गए

ग्रामीण राजू सिंह ने बताया कि गेट खोलने के लिए जल संसाधन विभाग से मांग की थी। इस पर विभाग कर्मचारी आए और देखकर चले गए। गेट के खोला नहीं है। विभाग के एसडीओ वीके मरकाम ने बताया कि एनीकट के गेट का बोल्ट (सिटकनी) खराब हो गया है। इसके चलते गेट नहीं खुल रहा है। सिटकनी को बदलकर गेट खोला जाएगा और गाद-मिट्‌टी की सफाई कराई जाएगी।

नदी में एनीकट तो बनाया पर नहर निर्माण भूले

इस मसले को लेकर जल संसाधन विभाग की एक और बड़ी लापरवाही हुई है। वो यह कि कूबा खुर्द में हाफ नदी को बांध कर 5 साल पहले एनीकट तो बना दिए। लेकिन नहर बनाए ही नहीं गए। इस कारण इस एनीकट का उपयोग ही नहीं हो पा रहा है। चार साल से विभाग सिर्फ कागजों में नहर बनाने की बातें कर रहा है। इधर फसल नुकसान को लेकर किसानों की चिंता बढ़ गई है।

रिवाइज एस्टीमेट भेजा पर मंजूर नहीं हुआ

कूबा एनीकट के मुख्य नहर की लंबाई 10.9 किमी है। वहीं सहायक नहरों की लंबाई 13.50 किमी है। किसानों की मांग पर अतिरिक्त नहर लाइनिंग के लिए करीब 16 करोड़ रुपए स्वीकृत हुआ है। जल संसाधन के अफसरों ने सुस्ती के चलते एनीकट बनने के दो साल बाद नहर के लिए सर्वे किया। इसमें भी तकनीकी दिक्कत आ गई है। नहर के लिए कटिंग ज्यादा जा रहा है। करीब 8 से 10 मीटर खुदाई करना पड़ेगा। इस संशोधित प्रस्ताव शासन को भेजा है, लेकिन मंजूरी नहीं मिल पाई गई है।

गेट की मरम्मत कराई जाएगी: ईई भगौरिया

दिनेश जल संसाधन विभाग के ईई दिनेश भगौरिया का कहना है कि कूबा एनीकट का गेट जाम हो गया है। सुधारने के लिए कर्मचारियों को भेजा था, वे जांच कर लिए हैं। वहीं एनीकट से नहर के लिए कटिंग ज्यादा आ रहा है। तकनीकी दिक्कत को सुधारते हुए रिवाइज प्रस्ताव भेजा है। स्वीकृति मिलने पर नहर का काम शुरू होगा।

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