कार्यकाल के आखिरी दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद महात्मा गांधी की समाधि स्थल राजघाट पहुंचे। उन्होंने यहां पर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि दी। कोविंद रविवार शाम 7 बजे देश को भी संबोधित करेंगे।
इससे पहले संसद के सेंट्रल हॉल में शनिवार को उन्होंने सांसदों को संबोधित किया। विदाई समारोह में कोविंद ने सभी पार्टियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में काम करने की नसीहत दी थी।
सेंट्रल हॉल में विदाई लेने वाले आखिरी राष्ट्रपति बने कोविंद
संसद के सेंट्रल हॉल में विदाई लेने वाले रामनाथ नाथ कोविंद आखिरी राष्ट्रपति हैं। कोविंद के सााथ-साथ यह संसद भवन भी विदाई ले रहा है। संसद भवन की नई इमारत सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का काम पूरा हो जाएगा और संसद की कार्यवाही नई बिल्डिंग में ही होगी। वर्तमान में संसद भवन में पहले विदाई विलियम माउंटबेटन की हुई थी और आखिरी रामनाथ कोविंद की।
विरोध का तरीका गांधीवादी हो: कोविंद
सेंट्रल हॉल में विदाई भाषण में कोविंद ने कहा कि लोगों को अपने लक्ष्यों को पाने की कोशिश करने के लिए विरोध करने और दबाव बनाने का अधिकार है, लेकिन उनके तरीके गांधीवादी होने चाहिए। मैं हमेशा खुद को बड़े परिवार का हिस्सा मानता हूं, जिसमें सांसद भी शामिल हैं। किसी भी परिवार की तरह कई बार उनके बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उन्हें देश के व्यापक हितों के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
सभी पूर्व राष्ट्रपतियों को बताया प्रेरणास्रोत
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा जब मैं विदाई ले रहा हूं तो मेरे हृदय में अनेक पुरानी स्मृतियां उमड़ रही हैं। पांच साल पहले मैंने इसी स्थान पर शपथ ली थी। मेरे सभी पूर्व राष्ट्रपति मेरे लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं। अंबेडकर के सपनों का भारत बन रहा है।
द्रौपदी मुर्मू को दी बधाई, नागरिकों का जताया आभार
अपने भाषण में कोविंद ने निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बधाई दी। सोमवार को वे भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी। उन्होंने कहा- वह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर काबिज होने वाली पहली आदिवासी होंगी। उन्होंने कहा कि उनके मार्गदर्शन से देश को फायदा होगा। मुझे राष्ट्रपति के रूप में सेवा करने का अवसर देने के लिए देश के नागरिकों का हमेशा आभारी रहूंगा।