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अब बड़े नेता सरकारी कर्मचारी एवं आयकर दाता भी हुए भिखारी, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का मिल रहा है सभी को लाभ

सूरजपुर। जिले मे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। दरअसल इस योजना का लाभ ऐसे लोगों ने भी ले लिया है, जो आयकर के दायरे में आते हैं। बड़े नेता, व्यापारी यहां तक कि सरकारी कर्मचारी भी इस योजना का लाभ लेने में पीछे नहीं हैं। विकासखंड भैयाथान अंतर्गत लगभग 200 किसान ऐसे हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत लगभग 11 लाख रुपये ले लिए हैं और अब इन किसानों से राशि वापसी की प्रक्रिया केंद्र सरकार द्वारा की जा रही है। दरअसल, साल 2019 में जब किसान सम्मान निधि योजना के लिए रजिस्ट्रेशन का कार्य हो रहा था, तब कुछ किसान गलत जानकारी देकर इस योजना के लाभार्थी बन गए थे।
गौरतलब है कि सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को हर साल 6 हजार रुपये की राशि उनके खाते में दी जाती है। जब अक्टूबर 2021 में किसानों के खाते में राशि डाली गई तो विभाग ने किसानों के आधार कार्ड और पैन कार्ड को इस योजना से लिंक किया। लिंक करते ही उनकी जानकारी सामने आ गई कि ये किसान करदाता हैं।
ये जानकारी मिलने के बाद विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों ने पीएम किसान पोर्टल में किसानों के दस्तावेजों को खंगाला तो सारी गड़बड़ी का खुलासा हो गया। दरअसल इस योजना के तहत किसानों को साल में तीन किस्त में दो-दो हजार कर 6 हजार रुपये मिलते हैं। लेकिन विकासखंड के लगभग 200 लोगों ने सरकारी महकमे को गलत जानकारी देकर अपात्र होने के बावजूद इस योजना में लगभग 11 लाख रुपए की सेंध लगा दी है।
व्यापारी से लेकर नेताओं के भी नाम
दोनों ही राष्ट्रीय पार्टी भाजपा एवं कांग्रेस के नेता भी इस योजना के लाभ से अछूते नहीं है। चाहे वह भाजपा हो या कांग्रेस। विकासखंड के दिग्गज नेताओं के भी नाम इस सूची में दर्ज है। नेता से लेकर ठेकेदार, व्यापारी, कर्मचारी व आयकर दाता भी इससे अछूते नहीं रहे।

उन्होंने भी तमाम जानकारी होने के बावजूद भी योजना का लाभ लेने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। नतीजन ऐसे 200 किसानों की सूची आने से क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं।

नहीं लौटाए रुपए तो होगी एफआईआर

ऐसे किसानों की सूची कृषि विभाग को सौंपी गई है जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत लगभग नियम विरूद्ध तरीके से लिया है। इस राशि की वापसी की प्रक्रिया कृषि विभाग द्वारा की जा रही है। विभाग द्वारा किसानों को नोटिस भेजकर राशि की रिकवरी की जाएगी।
केंद्र सरकार द्वारा बकायदा एक खाता भी दिया गया है जिसमें ऐसे किसान राशि जमा कर सकेंगे। उक्त खाते में राशि जमा करने के बाद कृषि विभाग से नो ड्यूज लेंगे। जो सीमित समय में राशि जमा नहीं करेंगे, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर राशि वसूली करने का प्रावधान भी है।

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