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जबलपुर उपचुनाव में कुल 59 प्रतिशत मतदान हुआ पूरा, खैरी गाँव के ग्रामीणो ने किया चुनाव का बहिष्कार

जबलपुर में पंचायत का मतदान शुरू हो गए हैं। जिसमें दूसरे चरण में मझौली, पाटन व शहपुरा में मतदान हो रहा हैं। जिसमें कुल 3 लाख 64 हजार 505 मतदाता प्रत्याशियों का भाग्य तय करेंगे करीब 7 साल के अंतराल के बाद मप्र में पंचायत चुनाव हो रहे हैं। जिले के 7 ब्लॉक में से 4 ब्लॉक बरगी, पनागर, कुंडम और सिहोरा में पंचायत चुनाव का मतदान हो चुका हैं। दूसरे चरण में शेष तीन जनपद के मतदान में मझौली में 229 मतदान केंद्र पाटन में 222 व शहपुरा में 241 मतदान केंद्रों की संख्या बनाई गई है। जिसमें मतदान चल रहा हैं।

जबलपुर जिले में अब तक कुल 59 प्रतिशत मतदान हो चुका है। अभी तक महिलाएं चुनाव में आगे दिख रही हैं। महिलाओं ने अभी तक कुल 61.30 प्रतिशत तो पुरुषों नें कुल 56.90 प्रतिशत मतदान किया है। जनपद पाटन में 63 प्रतिशत, मझौली में 55.60 प्रतिशत, और शहपुरा में 53.70 प्रतिशत मतदान हो चुका है। सुबह 11 बजे तक करीब 38 फीसदी मतदान हो चुका हैं। जिसमें सर्वाधिक मतदान पाटन जनपद में 40.9% हुआ है। वहीं मझौली व शहपुरा में 35.5% मतदान किया जा चुका हैं। पाटन जनपद में 63 प्रतिशत, मंझोली में 55.6 प्रतिशत और शहपुरा जनपद में 55 प्रतिशत मतदान हुआ।

जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी सुबह से मतदान केंद्रों का भ्रमण कर रहे हैं। तथा मतदान की स्थिति नजर रखे हुये हैं। डॉ इलैयाराजा टी ने शहपुरा जनपद पंचायत के बेलखेड़ा स्थित आठ मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्भीक, निष्पक्ष, निर्विघ्न और शांतिपूर्ण मतदान कराने अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान एसडीएम शहपुरा अनुराग सिंह भी उपस्थित थे।जबलपुर कलेक्टर इलैया राजा टी निरीक्षण करते हुए।

वही जनपद पाटन के खैरी गांव के निवासियों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर दिया। सूचना मिलने पर अपर कलेक्टर विमलेंद्र सिंह सहित एसडीएम ,तहसीलदार और पुलिस अमला मौके पर पहुंचा और गांव वालों को समझाने की कोशिश की, परंतु गांव वाले नहीं माने। खैरी गांव के लोगों कहना है कि “जब तक हमारी खेरी ग्राम पंचायत नहीं बनाई जाती और उसमें आसपास के गांव को नहीं जोड़ दिया जाता तब तक हम मतदान नहीं करेंगे।” दरअसल, ग्रामीणों का आरोप है कि पहले खैरी गांव एक पंचायत थी। जिसे कि बाद में ग्वारी गांव में मिला दिया गया। ग्रामीण इसमें भी संतुष्ट थे पर इस मर्तबा खैरी गांव को 5 किलोमीटर दूर धनेटा गांव में सम्मिलित कर दिया। ये बात गांव वालों को रास नहीं आई। ग्रामीणों का कहना है कि लगातार हमारे गांव का अस्तित्व खत्म करने की कोशिश की जा रही है। खैरी गांव की बातों को सुनने और वोटिंग शुरू कराने के लिए गांव मे एडीएम भी मौके पर पहुंची लेकिन उन्हें भी कुछ खास हासिल नहीं हुआ। गांव में अभी भी वोटिंग बंद है।एडीएम गांव वालों को समझाने का प्रयास करते हुए

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