‘नो रैंक-नो पेंशन’ पर मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया, कहा- छह महीने मे सिर्फ वर्दी पहनना ही सीखेंगे अग्निवीर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कर्मचारियों की पेंशन को लेकर भाजपा पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा, सबसे पहले इन्होंने कर्मचारियों की पेंशन खत्म की। हमने पुरानी पेंशन योजना लागू की तो केंद्र के पास जमा कर्मचारी अंशदान का पैसा नहीं लौटा रहे हैं। ये वन रैंक-वन पेंशन की बात करते थे। अब नो रैंक-नो पेंशन पर आ गए।
रायपुर में पत्रकारों के अग्निपथ योजना से जुड़े सवालों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, सबसे पहली बात इन्होंने पेंशन खत्म किया। राजस्थान सरकार और हमने पुरानी पेंशन योजना लागू की। हम चिट्ठी लिख रहे हैं कि हमारे कर्मचारियों के अंशदान का जमा पैसा वापस कर दो। हम उसको वापस मांग रहे हैं। अभी तक तो वापस किया भी नहीं है। पहले वन रैंक, वन पेंशन करते थे। अब नो रैंक, नो पेंशन पर आ गए। जब कोई रैंक ही नहीं है तो पेंशन भी नहीं है। आदमी 58 साल में 60 साल में 62 साल में रिटायर होता था। तब तक वे दादा-नाना बन चुके होते थे। अब तो शादी के कार्ड में लिखेगा भूतपूर्व अग्निवीर। 21 साल में ही वह भूत हो जाएगा। छह महीने की ट्रेनिंग और साढ़े तीन साल सर्विस के बाद उनको रिटायर करके क्या देंगे? 12 लाख रुपए। शादी किए, रिसेप्शन दिए उसी में 12 लाख खत्म।
छह महीने की ट्रेनिंग को बताया अपर्याप्त
मुख्यमंत्री ने अग्निपथ योजना के तहत जवानों की छह महीने प्रशिक्षण अवधि को भी अपर्याप्त बताया। उन्होंने कहा, छह महीने की ट्रेनिंग आप कह रहे हैं। छह महीने तो मार्चपास्ट सीखने में लग जाएंगे। लेफ्ट-राइट में पैर कितना उठना चाहिए, क्या है। उसको सीखते-सीखते और यूनिफार्म पहनना सीखने में ही छह महीने हो जाएंगे। पुलिस के जवान का यूनिफार्म और सेना के यूनिफार्म में भी बहुत अंतर है। उसको पहनना सीखने में छह महीना बीत जाएगा।