कबीरधाम में जमीन माफियाओं का खेल! राजनीतिक पदाधिकारी भी शामिल – अवैध जमीन कारोबार से प्रशासन की साख पर उठे सवाल!

नगर निवेश नियमों की उड़ रही धज्जियाँ – जमीन दलालों ने आम जनता को लगाया करोड़ों का चुना!
राजनीतिक संरक्षण में अवैध प्लॉटिंग – जनता हो रही ठगी का शिकार
जिले के चारों दिशाओं में अवैध प्लाटिंग पर भूमाफियों का कब्जा
कबीरधाम।
जिले में जमीन कारोबारियों और भूमाफियाओं की गतिविधियाँ लगातार तेज़ होती जा रही हैं। हालात यह हैं कि भूमाफिया अब खुलेआम राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों के संरक्षण में नियम-कायदों को ताक पर रखकर अवैध प्लॉटिंग कर रहे हैं। इस पूरे गोरखधंधे से न केवल शासन-प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है, बल्कि आम जनता की गाढ़ी कमाई भी दांव पर लग रही है।
नगर निवेश के नियमों की उड़ रही धज्जियाँ, मास्टर प्लान की धज्जियां
कानून के मुताबिक किसी भी प्लॉटिंग से पहले नगर निवेश विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य है। लेकिन जिले के कई इलाकों में भूमाफिया बिना किसी स्वीकृति, नक्शा और अनुमति के ही अवैध प्लॉटिंग कर रहे हैं। जमीन दलालों द्वारा बनाए गए ये अवैध कॉलोनियाँ पूरी तरह गैरकानूनी होते हुए भी धड़ल्ले से बेची जा रही हैं।
रेरा अधिनियम (RERA Act, 2016) –
दंड का प्रावधान
बिना RERA पंजीकरण प्रोजेक्ट बेचने पर – 10% तक जुर्माना।
आदेश न मानने पर – 3 साल तक की सजा।
गलत जानकारी देने पर – 5% तक जुर्माना
जनता हो रही ठगी का शिकार
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि उन्हें इन प्लॉट्स का लालच देकर रजिस्ट्री और वैध कागज़ात का भरोसा दिलाया जाता है, लेकिन बाद में सारी हकीकत खुलती है। न तो कॉलोनी में सड़क, नाली, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएँ मिलती हैं और न ही कागज़ात पूरी तरह कानूनी होते हैं। ऐसे में प्लॉट खरीदने वाले लोगों की गाढ़ी कमाई बरबाद हो रही है।
राजनीतिक संरक्षण से बढ़े हौसले
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इस अवैध कारोबार में राजनीतिक दलों के कुछ पदाधिकारियों का सीधा या परोक्ष संरक्षण मिल रहा है। सूत्रों का कहना है कि भू माफिया राजनीतिक अतिविशिष्ट लोगो की बधाई शुभकामनाएं संदेश की होर्डिंग लगवाकर उनके बेहद करीबी होने का शहर में प्रशासनिक अम्लों में अपना दबाव बनाते है। इसी के चलते कई बार भू माफियाओ के खिलाफ शिकायतों को प्रशासन गंभीरता से नहीं लेता। फलसफा भूमाफिया बेखौफ होकर अपना कारोबार जारी रखे हैं।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
लोगों ने सवाल उठाया है कि जब नगर निवेश विभाग और प्रशासन को इस अवैध प्लॉटिंग की जानकारी है, तब कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? क्या राजनैतिक दबाव और भूमाफियाओं की पैठ के कारण शासन-प्रशासन मौन है?
जनता की मांग – सख्त कार्रवाई हो
जिले के नागरिकों ने मांग की है कि भूमाफियाओं और जमीन दलालों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए। अवैध प्लॉटिंग में संलिप्त राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों को भी बेनकाब किया जाए और दोषियों को कठोर दंड मिले, तभी जिले में जमीन के इस गोरखधंधे पर रोक लग सकेगी।
बहरहाल अब यह देखना होगा कि जिला प्रशासन जिले के भू माफियाओ के गोरखधंधों पर लगाम लगाते हैं या उनके राजनीतिक आकाओं के संरक्षण के चलते अपना हाथ खींचती हैं।