बोरवेल में गिरे मासूम बच्चे ने 44 घंटे बाद भी हिम्मत नहीं हारी, देखिए पूरी जानकारी
जांजगीर- चांपा जिले में बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे में फंसे राहुल को बचाने की जद्दोजहद पिछले 42 घंटे से जारी है। 10 साल का यह बच्चा करीब 44 घंटे से 50 फीट गहरे गड्ढे में फंसा हुआ है। वहीं दीवारों से रिस रहा पानी बोरवेल के अंदर भर गया है। उसे निकालने का काम जारी है। खास बात यह है कि बोरवेल में गिरा राहुल अब खुद बाल्टी से पानी भरने में मदद कर रहा है|
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टर जितेंद्र और राहुल के परिजनों से वीडियो कॉल पर बात की। मुख्यमंत्री ने राहुल की दादी श्यामा बाई को भरोसा दिलाया है कि जल्द ही उनके बच्चे को सकुशल निकाल लिया जाएगा। CM ने कहा कि ‘तोर नाती ला निकाल लेबो’।
पिहरीद गांव का राहुल अपने घर के पीछे खेलते समय राहुल शुक्रवार दोपहर को बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था। तब से उसे बचाने के प्रयास जारी हैं। प्रशासन, सेना और टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चला रखा है। इसमें चट्टानों के चलते खुदाई पर असर पड़ा है। रविवार सुबह बच्चे में हलचल दिखाई दी है। इसके बाद उस तक खाने की सामग्री पहुंचाई गई है। उसे केला और जूस दिया गया है। आसपास के एरिया को लोहे की रॉड लगाकर सील कर दिया गया है।
अब तक 60 फीट से ज्यादा खुदाई की गई
इससे पहले एन डी आर एफ ने बोरवेल के ठीक बगल में 60 फीट से ज्यादा की खुदाई की है। अब 5 फीट की खुदाई के बाद टनल बनाने का काम शुरू किया जाना था। हालांकि इस खुदाई में एक चट्टान बड़ी बाधा बन गई है। इसके कारण टनल बनाने में देरी हो रही है। मौके पर मौजूद मशीनरी पूरी नहीं पड़ रही है। इसे देखते हुए बड़े रॉक ब्रेकर मंगाए गए हैं। गड्ढे में फंसे बच्चे को नुकसान न हो, इसके लिए खुदाई का काम मैन्युअली किया जा रहा है। स्थिति ठीक होने पर JCB की मदद ली जाएगी। इसके कारण समय लग रहा है। टनल बनाकर उसमें सीमेंट के स्लैब डाले जाएंगे।
नीचे पत्थर और गड्ढे का मुंह चौड़ा होने से राहत
बताया जा रहा है कि बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे का मुंह जरूर छोटा है, लेकिन अंदर से वह चौड़ा हो गया है। वहीं नीचे पत्थर भी लगे हैं। इसके कारण राहुल उसमें अटका हुआ है। संभवत: उसे काफी चोटें भी आई होंगी। इसके बाद भी उसने हिम्मत बांधी हुई है। टीम अभी तक उस गड्ढे के बगल में 60 फीट की खुदाई और कर चुकी है। इसमें 3जे सी बी को नीचे उतारा गया है। देर रात से सुबह तक 10 फीट गड्ढे को और चौड़ा किया गया है।
इनकी मदद से राहुल को बचाने का प्रयास
राहुल को सुरक्षित निकालने के लिए सेना के मेजर गौतम सूरी के साथ ही 4 सदस्यीय टीम भी जुटी हुई है। इसके अलावा चार आई पी एस 5 एडिशनल तहसीलदार, और 120 पुलिसकर्मी,सी एम एच ओं 1 सहायक खनिज अधिकारी,एन डी आर एफ के 32,एस डी आर एफ से 15 और होमगार्ड के जवान मौजूद हैं। वहीं एक स्टोन ब्रेकर, 3 पोकलेन, 3 जेसीबी, 3 हाइवा, 10 ट्रैक्टर, 3 वाटर टैंकर, 2 डीजल टैंकर, 1 हाइड्रा, 1 फायर ब्रिगेड, 1 ट्रांसपोर्टिंग ट्रेलर, तीन पिकअप, 1 होरिजेंटल ट्रंक मेकर और 2 जेनरेटर का उपयोग किया जा रहा है। दो एम्बुलेंस भी तैनात की गई है।
सी ऍम ने परिजनों ने से बात की, सकुशल वापसी का दिलाया भरोसा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बच्चे को सुरक्षित निकालने के लिए निर्देश दिए हैं। उन्होंने बच्चे के माता पिता से फोन पर बात की है। सीएम ने उन्हें राहुल की सकुशल वापसी का भरोसा दिलाया है। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा है कि पूरा शासन प्रशासन राहुल की सकुशल वापसी के लिए लगा हुआ है। आप लोग धैर्य रखें, राहुल की सकुशल वापसी होगी। वहीं सीएम ने जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से बात कर पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली है।
गुजरात से बुलाए गए रोबोट इंजीनियर
कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला और एसपी विजय अग्रवाल ने राहुल के परिजनों से मुख्यमंत्री की बात कराई है। राहुल के पिता राम कुमार साहू ने सीएम को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है और मदद मांगी है। वहीं कलेक्टर ने सीएम को बताया कि उनके निर्देश पर गुजरात से रोबोट इंजीनियर को बुलाया गया है। बताया जा रहा है कि इसी रोबोटे के माध्यम से गुजरात में एक बच्चा के सफल रेस्क्यू किया गया था। बातचीत के दौरान जिले के एसपी विजय अग्रवाल भी मौजूद थे।
कटक और बिलासपुर से पहुंची एन डी आर एफ टीमें
कटक और बिलासपुर से एन डी आर एफ की टीम मौके पर हैं। कोरबा,रायगढ़ से भी मशीने देर रात पहुंच गई थीं। आसपास के एरिया में बैरिकेडिंग की है। रात को पर्याप्त लाइटिंग की व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा स्वास्थ्य अधिकारियों और एम्बुलेंस की टीम को तैनात किया गया है। ऑक्सीजन सिलेंडर अतिरिक्त तौर पर रखा गया है। CCTV से कलेक्टर सहित अधिकारी नजर रखे हुए हैं। रात में बच्चे को खाने के लिए केला, फ्रूटी सहित अन्य खाद्य सामग्री भेजी गई थी। बोरवेल से राहुल की आवाज और उसकी हलचल पूरी तरह सुनाई और दिखाई दे रही है
मां-बाप का बड़ा बेटा है राहुल
हादसे के बाद से ही राहुल की मां और उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। हर कोई यह उम्मीद लगाए बैठा है कि जल्दी से राहुल को बाहर निकाल लिया जाए। पूरे गांव के लोग भी रात भर उसी जगह पर टिके रहे, जहां पर बच्चा गिरा है। राहुल अपने मां-बाप का बड़ा बेटा है। उसका छोटा भाई 2 साल छोटा है। पिता की गांव में बर्तन दुकान है।
राहुल साहू (10) का शुक्रवार दोपहर 2 बजे के बाद से कुछ पता नहीं चला। जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए तो राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्ढा 80 फीट गहरा है। बच्चा लगभग 50 फीट गहराई में फंसा है। ये भी बताया गया है कि बच्चा मूक-बधिर है, मानसिक रूप से काफी कमजोर है। जिसके कारण वह स्कूल भी नहीं जाता था। घर पर ही रहता था।