अफसरों की समझाइश पर किसानों का जल सत्याग्रह हुआ खत्म, सीएम के नाम चिट्ठी लिख दी चेतावनी

कवर्धा. जिले के सुतियापाट बांध से नहर के लिए किसानों ने जल सत्याग्रह शुरू किया था, जिसे दूसरे दिन रविवार शाम 4 बजे ही खत्म कर दिया गया। जल संसाधन विभाग के ईई और सहसपुर लोहारा तहसीलदार की समझाइश पर किसानों ने जिद छोड़ी। काम शुरू करने के लिए सरकार को 3 महीने का अल्टीमेटम दिया गया है।
नहर के लिए किसानों का जल सत्याग्रह 28 मई को शुरू हुआ था, जो दो दिन यानी रविवार शाम तक चला। इस दौरान जल सत्याग्रहियों ने बांध के पास ही पेड़ की छांव में भाेजन पकाया और खाया। राशन व्यवस्था और खाना पकाने में किसानों ने सहयोग किया। रविवार शाम 4 बजे अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची। आश्वासन के बाद जल सत्याग्रह खत्म किया गया। शाम साढ़े 5 बजे ट्रैक्टर ट्रालियों में टेंट, राशन वापस ले गए।
वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कैबिनेट मंत्री मो. अकबर और कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे के नाम अफसरों को चिट्ठी सौंपी गई। इस चिट्ठी में किसानों ने लिखा है कि सुतियापाट बांध से 16 किमी. लंबी नहर के लिए जल्द राशि जारी करें। नहर का काम शुरू करें। इसे लेकर 3 महीने का अल्टीमेटम दिया गया है। नहीं तो, जल रोको आंदोलन करेंगे।
बांध से 16 किमी लंबी नहर के लिए जल संसाधन विभाग ने डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) शासन को भेज दिया है। डीपीआर के मुताबिक प्रोजेक्ट में 46 करोड़ रुपए लागत का अनुमान है। कुछेक माह पूर्व डीपीआर में कुछ टेक्निकल त्रुटि बताकर फाइल वापस कर दी गई थी। उन त्रुटियों को सुधार कर दोबारा फाइल आगे बढ़ाई गई है। अब सिर्फ प्रोजेक्ट के लिए राशि स्वीकृत होने का इंतजार है।
सहसपुर लोहारा ब्लॉक स्थित सुतियापाट बांध की कुल सिंचाई क्षमता 6960 हेक्टेयर की है। वर्तमान में इसके आधे से कम पानी क्षेत्र के किसानों को मिल पा रहा है। बांध का शेष पानी साजा (बेमेतरा) और राजनांदगांव क्षेत्र में जा रहा है। इसी वजह से लोहारा क्षेत्र के किसान आक्रोशित हैं।
किसान संघ के लोहारा ब्लॉक अध्यक्ष संजय साहू बताते हैं कि साल 2008 में बने सुतियापाट बांध से लेफ्ट बैंक और राइट केनाल का विस्तार किया जाना था। ताकि ब्लॉक के ज्यादा से ज्यादा रकबे को सिंचाई सुविधा मिल सके। लेकिन एक तरफ केनाल का विस्तार किए ही नहीं।
राइट बैंक केनाल का विस्तार कर साजा (बेमेतरा) क्षेत्र में पानी ले जा रहे हैं। वहां तक पानी पहुंचाने दो जगहों पर बड़े-बड़े टैंक बने हैं। सुतियापाट से करीब 29 किमी दूर कोटरी बुंदेली में एक टैंक बना है। फिर वहां से करीब 9 किमी दूर सोमई खुर्द (साजा) में टैंक बनाए हैं। इन्हीं दो टैंक में पानी स्टोर कर साजा क्षेत्र में सप्लाई करते हैं।
भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष डोमन चंद्रवंशी का कहना है कि आश्वासन के बाद जल सत्याग्रह स्थगित किया है। तीन महीने का समय है। इस दौरान यदि नहर के लिए राशि जारी नहीं हुई, काम शुरू नहीं हुआ, तो जल रोको आंदोलन करेंगे।सुतियापाट बांध का जो पानी कृषि मंत्री के क्षेत्र साजा में जाता है, उसे नहीं जाने देंगे। दीवन ने आगे कहा कि जिस क्षेत्र में नहर है वहीं के लोगों को पानी नसीब नहीं हो रहा है और दीगर जिलों में पानी भेजा रहा है यह पूरी तरह से अुित है। इसे तत्काल बंद किया जाए ताकि लोगों को राहत मिले।
जल संसाधन विभाग के ईई दिनेश भगौरिया का कहना है कि डीपीआर भेजी जा चुकी है। जो भी त्रुटियां थी, वे सब सुधार दिए गए हैं। अब फाइल में किसी भी कमी की गुंजाइश नहीं है। उम्मीद है वित्त विभाग से नहर के लिए जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी। हम तत्काल काम शुरू कर देंगे।