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धान खरीदी केन्द्र में हुआ 45 लाख का घोटाला, कलेक्टर ने दिए सख्त कार्यवाही के निर्देश

बलौदाबाजार।जिले के पलारी विकासखण्ड अंतर्गत धान उपार्जन केन्द्र सलौनी में घोटाला होने का मामला सामने आया है. इस पर कलेक्टर ने गबन करने वाले संबंधित प्रबंधक एवं कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए है.

खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में सेवा सहकारी समिति सलौनी अंतर्गत धान उपार्जन केन्द्र सलौनी के द्वारा धान खरीदी का कार्य किया गया है. खाद्या विभाग द्वारा 29 अप्रैल 2022 के द्वारा धान उपार्जन केन्द्र का भौतिक सत्यापन संयुक्त जांच दल द्वारा कराया गया, जिसमें कुल परिदान उपरांत धान के स्टॉक में 1606.71 क्विंटल धान और 9932 नग बारदाना की असामान्य कमी पाई गई है.

कलेक्टर डोमन सिंह ने इसे गंभीरता से लेते हुए गबन एवं अफरा-तफरी के दोषियों धान उपार्जन केन्द्र सलौनी के प्रबंधक राजेन्द्र कुमार ठाकुर, फड़ प्रभारी व कम्प्यूटर ऑपरेटर संजय नेताम, मुकर्दम उमाशंकर बंजारे, पंजी संधारक (पूर्व फड़ प्रभारी) प्रवीण कुमार डहरिया, बारदाना प्रभारी राहुल ठाकुर के विरुद्व जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्या. बलौदाबाजार शाखा रोहांसी के शाखा प्रबंधक भारत लाल साहू के माध्यम से तीन दिवस के भीतर प्रथम सूचना रिपोर्ट संबंधित थाने में दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं, इसके साथ ही उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं जिला बलौदाबाजार-भाटापारा को निर्देशित किया गया है. इसके अलावा दोषियों की चल-अचल सम्पति से उपरोक्त गबन की राशि की वसूली भी पृथक से की जाएगी.

धान खरीदी केन्द्र सलौनी द्वारा 31 लाख 17 हजार 17 रुपए समर्थन मूल्य की राशि एवं 8 लाख 99 हजार 758 रुपए उच्चानुदान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रदत्त राशि तथा 4 लाख 73 हजार 930 रुपए बारदाने का मूल्य इस प्रकार कुल 44 लाख 90 हजार 705 रुपए की राशि के धान का गबन किया गया है.

गौरतलब है कि जिले के कुल 153 समितियों के 182 खरीदी केन्द्र के माध्यम से कुल 696430.88 मे. टन धान की खरीदी की गई थी. जिसमें से कुल 696270.21 मे. टन का परिदान हो चुका है. जिले के कुल 182 खरीदी केन्द्रों में से 181 खरीदी केन्द्रों से धान का पूर्ण उठाव किया जाकर शून्य शार्टेज हो चुका है. एकमात्र खरीदी केन्द्र सलौनी द्वारा गबन किया जाकर पूर्ण परिदान नहीं कर शून्य शार्टेज नहीं किया गया है. बता दें कि कलेक्टर द्वारा की गई व्यवस्था व समन्वय के कारण जिले में धान का उपार्जन 15 मार्च 2022 के पूर्व पूर्ण हो गया है.

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