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सीएम भूपेश बघेल का नया अभियान,मजदूर दिवस पर विशेष सम्मान

रायपुर । छत्तीसगढ़ में मजदूर दिवस कुछ सीएम भूपेश बघेल ने प्रदेश के लोगों से बोरे-बासी खाकर मजदूर दिवस मनाने की अपील की, इसके बाद सोशल मीडिया पर संदेशों की लाइन लगी हुई है। दरअसल, ताजा भात को जब पानी में डुबाकर खाया जाता है तो उसे बोरे कहते हैं। इसे दूसरे दिन खाने पर यह बासी कहलाता है। डॉ. सुधीर शर्मा की किताब में संगृहीत डॉ गीतेश अमरोहित के लेख में इस सबंध में जानकारी दी गई है।
किसके संग खाएं बासी
आम या नींबू का अचार, प्याज और हरी मिर्च, दही या मही डालकर, खट्टी भाजी, कांदा भाजी, चेंच भाजी, बोहार भाजी, रखिया बड़ी, मसूर दाल की सब्जी या मसूर बड़ी, रात की बची हुई अरहर दाल के संग, कढ़ी, आम की चटनी, लाखड़ी भाजी, सलगा बरा की कढ़ी, जिर्रा फूल चटनी, बिजौरी।
बासी खाने से लाभ
- बासी खाने से होंठ नहीं फटते, पाचन तंत्र को सुधारता है।
- इसमें पानी भरपूर होता है, जिससे गर्मी के मौसम में ठंडक मिलती है।
- पानी मूत्र विसर्जन क्रिया को बढ़ाता है जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
- पथरी और मूत्र संस्थान की दूसरी बीमारियों से बचाता है।
- चेहरे के साथ पूरी त्वचा में चमक पैदा करता है। पानी और मांड के कारण ऐसा होता है।
- कब्ज, गैस और बवासीर से दूर रखता है।
- मोटापे से बचाता है। मांसपेशियों को ताकत देता है।
कब-कौन करें परहेज
- सूर्यास्त के बाद बासी नहीं खाना चाहिए।
- अधिक वर्षा या ज्यादा ठंड वाले दिन में।
- अस्थमा के मरीज इसे खाने से बचें।
- सर्दी जुकाम या श्वांस रोगों के मरीज।
- जिन लोगों को ज्यादा नींद आती है।
- दो साल से कम उम्र के बच्चे भी।
- ठंडे स्थान में रहने वाले लोग।
- अत्यंत गर्म भोजन करने के तुरंत बाद।