कांकेर जिला (उत्तर बस्तर)छत्तीसगढ़ स्पेशलदन्तेवाड़ा जिला

खिलौना समझ कर पैरा बम से खेल रहे थे बच्चे

दंतेवाड़ा जिले के चूडिटिकरा-मांझीपदर इलाके में बम मिले हैं। शुक्रवार को आंगनबाड़ी के बच्चे खेलते हुए खेत तक पहुंच गए थे। जहां उन्हें एक ही जगह ये सारे बम दिखे। बच्चों ने खिलौना समझ कर बम को हाथों में उठा लिया था। जिसके बाद कुछ देर तक इससे खेलते रहे, लेकिन थोड़ी देर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता यहां पहुंच गई। इन्होंने बच्चों के हाथ से बम छुड़वाए। फिर इसकी जानकारी गांव के लोगों को दी गई।

जांच के लिए गठित की गई टीम
फौरन जवानों को मौके पर भेजा गया था। सभी बम एक्सपायर थे। सभी को नष्ट कर दिया गया है। यह बम गांव के नजदीक खेतों में कहां से आए इस मामले की जांच की जा रही है। जांच के लिए एक टीम भी गठित की गई है। पूरी जांच होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

रोशनी के लिए किया जाता है उपयोग
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इस पैरा बम का इस्तेमाल रोशनी के लिए किया जाता है। जवान जब भी सर्चिंग के लिए निकलते हैं तो अपने पास पैरा बम भी रखते हैं। यह खतरनाक नहीं है। मुठभेड़ के दौरान इस बम को आसमान में छोड़ा जाता है। आसमान में कुछ मीटर की दूरी जाकर यह फटता है, जिससे निकलने वाली रोशनी काफी तेज और बहुत दूर तक फैलती है। इससे छिपे हुए दुश्मनों को आसानी से देखा जा सकता है।

इस बम का इस्तेमाल बस्तर के जंगलों में ज्यादा नहीं हो पाता, क्योंकि यहां घनी झाड़ियां हैं, इसलिए बस्तर में यह कारगर साबित नहीं हो पाता। इसका ज्यादातर इस्तेमाल खुले मैदान वाले इलाके में किया जाता है।

Related Articles

Back to top button