“कोरवा आदिवासी की आत्महत्या: फर्जी जमीन हस्तांतरण पर तहसीलदार की निलंबन की सजा”
"साथी की जमीन फर्जी तरीके से ट्रांसफर करने वाले तहसीलदार पर गिरी गाज, निलंबित"

छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ के एक पहाड़ी कोरवा आदिवासी की आत्महत्या मामले में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। मृतक की पहचान दीनू राम के रूप में की गई है, जो एक आदिवासी समुदाय से था। परिजनों के अनुसार, उसकी जमीन को फर्जी तरीके से किसी और के नाम कर दिया गया था, जिससे वह मानसिक तनाव का शिकार हुआ और उसने आत्महत्या कर ली।
परिवार के सदस्य बताते हैं कि दीनू राम की भूमि का कुछ लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से ट्रांसफर कर लिया था। जब इस मामले की जांच की गई, तो यह खुलासा हुआ कि इसमें तत्कालीन तहसीलदार की लापरवाही थी। इस गंभीर मामले के बाद, संभाग आयुक्त ने सख्त कदम उठाते हुए तत्कालीन तहसीलदार को निलंबित कर दिया।
संभाग आयुक्त का सख्त बयान
संभाग आयुक्त ने इस मामले की जांच करते हुए कहा, “यह घटना बेहद गंभीर है, और इस तरह के कृत्य आदिवासी समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं। दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में पूरी जांच होगी और मृतक के परिवार को न्याय मिलेगा।
मृतक के परिवार का बयान
मृतक के परिवार के सदस्य का कहना है कि दीनू राम को जमीन के फर्जी हस्तांतरण के बाद मानसिक तनाव हुआ, जिससे वह पूरी तरह टूट चुका था। परिवार ने आरोप लगाया कि यही कारण था कि उसने आत्महत्या कर ली। परिवार के अनुसार, दीनू राम लगातार इस मामले से जूझ रहा था, लेकिन प्रशासन से मदद नहीं मिली, और अंत में उसने जीवन समाप्त करने का दुखद कदम उठाया।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस मामले में स्थानीय प्रशासन ने पीड़ित परिवार को सभी कानूनी अधिकारों और सहायता का आश्वासन दिया है। प्रशासन ने यह भी कहा है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे और दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी।