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अब ग्रामीणो को भी मिलेगी एक्स-रे की सुविधा,

बिलासपुर । संभाग के स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाओं के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को जिला अस्पताल और निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है। इसकी प्रमुख वजह यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में अस्पताल तो खुल गए हैं। लेकिन, वहां न तो दवा है और नहीं जरूरी सुविधाएं। अब स्वास्थ्य विभाग ने 29 सामुदायिक  और 285 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक्स-रे की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना बनाई है।

संभाग में बिलासपुर सहित मुंगेली, रायगढ़, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, कोरबा, जांजगीर चांपा जिले के ज्यादातर मरीजों को छोटी-छोटी जांच और इलाज के लिए बिलासपुर के सिम्स या जिला अस्पताल में आना पड़ता है। या फिर उन्हें आसपास के निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता है। सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जरूरी दवाइयों के साथ ही मरीजों के इलाज की भी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में स्टाफ उन्हें बड़े अस्पताल जाने की सलाह देते हैं।

रेफर सेंटर बन गए हैं ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पताल
स्वास्थ्य विभाग ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड मुहैया कराई है। आमतौर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 30 बिस्तर की व्यवस्था है। इसी तरह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी मरीजों को भर्ती करने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन, इन जगहों में डिलवरी कराने के लिए महिलाओं को भर्ती किया जाता है। इसमें भी ज्यादातर महिलाओं को सामुदायिक या फिर जिला और सिम्स रेफर कर दिया जाता है। ऐसे में हादसे में घायल होने वाले मरीजों को भी प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया जाता है। इसके चलते जिला अस्पताल और सिम्स में मरीजों की संख्या बढ़ जाती है।

जेडी बोले- सभी जिलों से मांगी गई है जानकारी
स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी ज्वाइंट डायरेक्टर प्रमोद महाजन ने बताया कि संभाग के सभी पांच जिलों को पत्र लिखा गया है। इसमें 29 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 285 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। पत्र में उन्हें मरीजों के उपचार की सुविधा के साथ ही एक्स-रे मशीन की उपलब्धता व आवश्यकता बताने कहा गया है।

CSR मद से बनाई जाएगी डॉर्क रूम
डॉ. प्रमोद महाजन ने बताया कि सभी अस्पतालों से जानकारी एकत्रित की जा रही है। इसमें उनसे एक्स-रे मशीन के लिए डॉर्क रूम के संबंध में भी जानकारी ली जा रही है। इसके बाद एस्टीमेट बनाया जाएगा। फिर इसके लिए CSR मद से फंड की मांग की जाएगी। इससे सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉर्क रूम बनाया जाएगा। इसके बाद एक्स-रे मशीन खरीदी की जाएगी।

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