मुख्यालय मे चलने वाली गाड़ियाँ हुई धप,पेट्रोल-डीजल के दाम से लगा नगर निगम को झटका

रायपुर । राजधानी मे पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने का निगम पर भी जबरदस्त असर पड़ा है। मंगलवार को निगम के पंप में डीजल खत्म हो गया। उसके बाद मुख्यालय और जोन में चलने वाली ज्यादातर गाड़ियां खड़ी करनी पड़ गई। निगम प्रशासन अब बढ़ी हुई कीमत में बचत का प्लान बना रहा है।
दरअसल निगम अब तक सीधे पेट्रोलियम कंपनियों से डीजल खरीदता आ रहा है। ज्यादा मात्रा में लेने वालों के लिए डीजल की कीमत 25 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दी गई है। एक लीटर में 25 रुपए बचाने के लिए अफसरों ने पेट्रोलियम कंपनी से डीजल नहीं मंगवाया।निगम अब कंपनी की जगह पेट्रोल पंपों से अनुबंध कर वहीं से डीजल खरीदने की तैयारी कर रहा है। इस फार्मूले से निगम को हर महीने करीब पांच लाख की बचत होगी। बल्क में डीजल-पेट्रोल खरीदने वालों के लिए केंद्र सरकार ने 21 मार्च से डीजल की कीमत में 25 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि कर दी है।
निगम की 60 से ज्यादा गाड़ियों को हर महीने 20 हजार लीटर से ज्यादा डीजल की जरूरत पड़ती है। निगम ने थोक में डीजल लेने के लिए इंडियन आयल कंपनी से अनुबंध किया है। कंपनी की गाड़ियां नगर निगम के टिकरापारा स्थित वर्कशाप में डीजल पहुंचाती हैं। केंद्र सरकार के आदेश के बाद अब कंपनी प्रति लीटर डीजल पर 25 रुपए ज्यादा कीमत लेगी।इस बढ़े हुए खर्च से बचने के लिए निगम के अधिकारी कंपनी से अनुबंध खत्म कर किसी पेट्रोल पंप से डीजल खरीदने की तैयारी कर रहे हैं। निगम का कंपनी के साथ अनुबंध 31 मार्च 2022 को खत्म भी हो गया है। पुराने स्टॉक से अप्रैल में तीन-चार दिन की जरूरत पूरी हो गई।
पेट्रोल पंप वालों को फायदा, कंपनियों को नुकसान
निगम अकेली ऐसी संस्था नहीं है जो ज्यादा मात्रा पेट्रोल खरीदती हैं। कई बड़ी फैक्ट्रियां, बस आपरेटर, पावर प्लांट्स, ट्रक एसोसिएशन व इसी तरह परिवहन से जुड़ी संस्थाएं जहां ज्यादा उपयोग ज्यादा होता है वे सीधे कंपनियों से बल्क में डीजल-पेट्रोल खरीदते हैं।
केंद्र सरकार के आदेश के बाद अब ऐसी संस्थाएं पैसे बचाने के लिए सीधे कंपनियों से न खरीदकर पेट्रोल पंप संचालकों से डीजल खरीदेंगी। पंप संचालक इसका फायदा उठाने की कोशिश करेंगे, क्योंकि, पेंट्रोल पंप संचालकों को सामान्य कीमत पर ही डीजल उपलब्ध होगा और वे ऐसी संस्थाओं से थोड़े ज्यादा पैसे वसूल करेंगे। थोक ग्राहक को 25 रुपए अतिरिक्त नहीं देने पड़ेंगे और पंप संचालकों को प्रति लीटर पांच से दस रुपए अतिरिक्त मिल जाएंगे।