सरपंच-सचिवों के सिर पर मढ़ा दोष,सोलर हाईमास्ट लाइट में घपले का मामला

कवर्धा। पंडरिया जनपद क्षेत्र के 33 ग्राम पंचायतों में लगाए गए सोलर हाईमास्ट लाइट में गड़बड़ी की गई है। मामले की जांच पंडरिया एसडीएम दिलेराम डाहिरे कर रहे हैं। उन्होंने अक्टूबर 2020 से अक्टूबर 2021 तक पंडरिया जनपद में पदस्थ रहे पूर्व व तात्कालीन सीईओ के लिखित जवाब लिया है। जवाब से लगता है कि गड़बड़ी का सारा दोष पंचायत सरपंचों और सचिवों के सिर मढ़ा गया है।
जनपद की पूर्व सीईओ बीना दीक्षित ने यह लिखित में दिया है कि उच्चाधिकारियों और पंडरिया विधायक के निर्देश पर 33 ग्राम पंचायतों के सरपंच- सचिवों की बैठक लेकर सोलर हाईमास्ट लाइटें लगाने चर्चा की गई। सरपंच व सचिवों की सहमति और विधायक के निर्देश पर न्यूनतम दर को देखते हुए क्लीफो प्राइवेट लिमिटेड बिलासपुर को पंचायतों में सोलर हाईमास्ट लाइटें लगाने वर्कऑर्डर दिया। कंपनी ने ग्राम पंचायतों में सामग्री आपूर्ति की, जिसका सत्यापन ग्राम पंचायतों से कराए जाने के बाद पहली किस्त की राशि 39.60 लाख रुपए जारी किया।समय अवधि में काम पूरा नहीं करने के कारण दी गई प्रथम किस्त का पैसा जमा कराने कंपनी को दो बार नोटिस जारी किया था। उसके बाद मार्च 2021 में उनका ट्रांसफर रायपुर हो गया था। पंडरिया जनपद क्षेत्र के 33 ग्राम पंचायतों में लाखों रुपए की लागत से सोलर हाईमास्ट लाइटें लगाई गई है। अधिकांश पंचायतों में लगी हाईमास्ट लाइटें आधी चालू और आधी बंद की स्थिति है।
अब चार सदस्यीय टीम करेगी जांच, देंगे रिपोर्ट
जनपद के पूर्व सीईओ के बयान से जांच अधिकारी संतुष्ट नहीं लग रहे हैं। इसलिए पंडरिया एसडीएम ने अब मामले की तकनीकी जांच के लिए चार सदस्यीय टीम बनाई है। छग स्टेट रिनिवेबल एनर्जी (क्रेडा) के एई अनिल बिंझवार जांच टीम का अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। वहीं सहायक कोष लेखा अधिकारी प्रशांत जायसवाल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पंडरिया के लेखापात केवलचंद गायकवाड और बीईओ ऑफिस पंडरिया के सहायक ग्रेड- 2 संतोष कुमार सोनी को सदस्य बनाया है। टीम को एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करना होगा।



