महिला ने करवा दिया जीजा-साले का अपहरण, फिरौती मे मांगे 50 हजार
बिलासपुर।जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में बीसी की रकम लेनदेन के विवाद पर जीजा-साले का अपहरण करवाने वाली महिला व युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दरअसल, महिला और उसके सहयोगी ने दोनों को अगवा कर 50 हजार रुपए की फिरौती मांग रहे थे। इस बीच किसी तरह दोनों ने भाग कर अपनी जान बचाई और सीधे थाना पहुंच गए। जिसके बाद पुलिस ने महिला और युवक को पकड़ लिया है। अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
पारिजात कॉलोनी निवासी ऋषभ श्रीवास्तव (30 साल) ठेकेदार है। घर में वह अपनी पत्नी प्रज्ञा श्रीवास्तव और मां सुनीता श्रीवास्तव के साथ रहता है। प्रज्ञा बैंक में काम करती हैं। ऋषभ घर में अकेला था। तभी उसलापुर में बीसी खिलाने वाली महिला निशा ठाकुर गुरुवार की शाम कार और बाइक में 10-12 लड़कों को लेकर ऋषभ के घर पहुंची। इस दौरान ऋषभ की पिटाई करते हुए कार में बैठा लिया। तभी वहां गंगानगर निवासी उसका साला आशुतोष कश्यप (39 साल) पहुंचा। वह प्रॉपर्टी डीलर है। अपने जीजा को जबरदस्ती लेकर जाने पर उसने विरोध किया, तब युवकों ने उसकी पिटाई कर उसे भी पकड़कर कार में बैठा लिए।
इसके बाद अपहरणकर्ता ऋषभ की स्कूटी और बाइक लेकर निकल गए। दोनों को अगवा कर सरकंडा क्षेत्र के बहतराई के लोयला स्कूल तरफ सूनसान जगह पर ले गए। जहां उन्होंने ऋषभ के मोबाइल पर उसकी पत्नी प्रज्ञा को फोन लगाया और दोनों को छोड़ने के एवज में 50 हजार रुपए फिरौती की मांग करने लगे।
ऋषभ का अपहरण करने की जानकारी मिलते ही उसकी पत्नी प्रज्ञा और मां सुनीता श्रीवास्तव अन्य लोगों के साथ सिविल लाइन थाने पहुंची। अपहरण का मामला सामने आते ही पुलिस भी हरकत में आ गई। फिर युवक की तलाश में जुट गई।
भागकर थाने पहुंचे जीजा-साला
इधर, अपहरणकर्ता महिला और उसके साथी सूनसान जगह पर जब मोबाइल में बात करने के लिए व्यस्त हो गए। तभी ऋषभ अपनी स्कूटी में साले आशुतोष को बैठाकर भागते हुए सिटी कोतवाली थाना पहुंचे। यहां उन्होंने पूरी घटना की जानकारी दी। इस घटना की जानकारी सिविल लाइन थाने को दी गई। पुलिस ने अपहरणकर्ता महिला निशा ठाकुर और हेमुनगर निवासी सुभेंददु सिकंदर को पकड़ लिया। उनसे पूछताछ कर पुलिस उनके सहयोगी दयालबंद के दिनेश घोरे, स्वर्ण जयंती नगर के धर्मेद्र दास सहित अन्य की तलाश कर रही है।
वकील के पास ले गए और शपथपत्र में कराए हस्ताक्षर
ऋषभ ने पुलिस को बताया कि उसके साथ मारपीट कर महिला और उसके साथी पहले किसी वकील के पास लेकर गए थे। जहां उसे जान से मारने की धमकी देकर शपथपत्र में हस्ताक्षर कराया है। उसने बताया कि उससे कोरे कागज में साइन लिया गया है।
पूर्व परिचित है महिला, 13 हजार के लिए किया अगवा
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि ऋषभ व उसकी मां सुनीता श्रीवास्तव पूर्व में निशा ठाकुर के पड़ोसी थी। इस दौरान बीसी खेलने के लिए उनका आपस में परिचय हुआ। निशा ठाकुर का बीसी में 30 हजार रुपए निकला था। यह राशि सुनीता को उसे देना था। 17 हजार वह निशा ठाकुर को दे चुकी है। इस बीच परिवार में उनके रिश्तेदार की मौत होने के कारण वह 13 हजार रुपए नहीं दे पाई थी। बकाया रुपए के लिए निशा उस पर दबाव बनाकर धमकी दे रही थी। गुरुवार को वह रुपए मांगने के लिए सुनीता से मिलने पहुंची थी। उसके नहीं मिलने पर वह उसके बेटे को उठाकर ले गई।