प्रधानमंत्री ने परीक्षा पर चर्चा किया, कवर्धा जिले के सभी स्कूलों में बच्चे हुये सामिल।
कवर्धा ,कवर्धा जिले के सभी स्कूलों में पी एम की ज्ञान की बातों को बच्चे ध्यान पूर्वक सुने हाई स्कूल भालुचुवा के छात्र-छात्राएं समझदारी दिखाते हुए शांति पूर्वक सभी बातों को सुने। प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षक और बच्चे परीक्षा पर चर्चा को लेकर pm की बातों का अनुसरण करते हुए अपनी जीवन शैली में उतारने की शपथ लिया।
पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के संयोजकों को स्टेज पर बुलाकर उनका सम्मान किया। आखिर में पीएम ने कहा कि गुणों के पुजारी बनें। इससे उसे और हमें दोनों को ताकत मिलती है। इर्ष्या भाव को न पनपने दें। इससे हम खुद को छोटा करते हैं और कभी बड़ा नहीं बन सकते। अपने जीवन में सफल बनने के लिए अच्छे, सामर्थ्यवान के लिए सम्मान रखें। पीएम ने कहा कि परीक्षा पर चर्चा से मेरा भी फायदा होता है। यह मेरे सामर्थ्य को बढ़ा रहा है। इसके बाद पीएम ने सभी को धन्यवाद दिया और उनका अभिवादन किया।
परीक्षा पर चर्चा : यूज एंड थ्रो कल्चर के बजाय री-यूज कल्चर को बढ़ावा दें
पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग से परेशान है। हमें जो परमात्मा ने दिया हमने उसे बर्बाद कर दिया। आज हमारे लिए पेड़, पानी नदीं हमारे पूर्वजों के कारण हमें मिली हैं। हमे अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए भी अपना कर्तव्य और दायित्व निभाना है। यह कोई सरकारी नियम से नहीं होगा। अगर सभी बच्चे अपने घरों में सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग बंद करा दें तो यह पर्यावरण के लिए बेहतर योगदान होगा। यूज एंड थ्रो कल्चर के बजाय री-यूज कल्चर को बढ़ावा देना होगा। हम जितने संसाधनों का प्रयोग करेंगे पर्यावरण को नुकसान होगा।
परीक्षा पर चर्चा : पर्यावरण को स्वच्छ और बेहतर कैसे बनाएं?
पीएम ने छात्रों के इस सवाल का स्वागत किया और कहा कि यह परीक्षा से जुड़ा विषय नहीं है। लेकिन परीक्षा के लिए जैसे बेहतर पर्यावरण की जरूरत है वेसै ही पृथ्वी कि लिए भी जरूरी है। पीएम मोदी ने देश के बच्चों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता की भावना को चार चांद लगाने का काम देश के बालक-बालिकाओं ने किया है। स्वच्छता का सबसे ज्यादा क्रेडिट उन्हें ही जाता है।
परीक्षा पर चर्चा : बेटियों को दें समान अवसर
पीएम मोदी ने आगे कहा कि एक समय आएगा जब पुरूष जूलूस निकालेंगे की हमें शिक्षक भर्ती में आरक्षण दो। नर्सिंग, पुलिसिंग हर क्षेत्र में आज लड़कियां आगे रही है। समाज से मेरी अपील है कि बेटियों को समान अवसर दिया जाए। समान अवसर से अगर बेटा 19 करेगा तो बेटियां 20 करेंगी।
परीक्षा पर चर्चा : ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं के विकास पर भी बोले पीएम
एक महिला अभिवावक की ओर से ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं के विकास को लेकर सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि पहले से सोच में परिवर्तन आया है। पहले ऐसा बेटे को पढ़ाया जाता था और बेटियों के को ससुराल के भरोसे छोड़ दिया जाता था। अब भी कहीं-कहीं है। लेकिन बिना बेटियों के विकास के समाज का विकास नहीं हो सकता। समाज के भीतर बेटा-बेटी में भेदभाव नहीं होना चाहिए। रानी अहिल्याबाई, रानी लक्ष्मीबाई और विदूषी ऐसी कई उदाहरण हैं। आज खेलकूद, विज्ञान, बोर्ड परीक्षाओं सभी में देश की लड़कियां कमाल कर रही है। यह समाज के लिए बड़ी शक्ति है।
PPC 2022: प्रतियोगिता नहीं तो जिंदगी किस बात की
पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि अगर प्रतियोगिता नहीं तो जिंदगी किस बात की। हमें प्रतियोगिता को आमंत्रित करना चाहिए। यह जीवन को आगे बढ़ाने का बेहतर माध्यम है। आप उस भाग्यवान पीढ़ी के हैं जिसे ज्यादा प्रतियोगिता और ज्यादा अवसर मिले हैं। पहले की पीढ़ी के पास में यह अवसर नहीं था।
PPC 2022: बोर्ड परीक्षा की तैयारी करें?
छात्र मे पूछा कि हम कॉलेज एडमिशन पर ध्यान दें या परीक्षा के नए पैटर्न पर या फिर बोर्ड परीक्षा पर? इस सवाल का जवाब देते हुए पीएम ने कहा कि जो भी हम पढ़ रहे हैं उसे पूरी तरह से आत्मसात करना जरूरी। अगर आपने अपनी शिक्षा पूरी तरह से आत्मसात की है तो परीक्षा का प्रारूप आपके लिए समस्या नहीं बनेगा।
PPC 2022: कभी-कभी खुद का भी एग्जाम लें
पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि कभी-कभी आप खुद का भी एग्जाम लें, अपनी तैयारियों पर मंथन करें, रीप्ले करने की आदत बनाएं, इससे आपको नई दृष्टि मिलेगी। अनुभव को आत्मसात करने वाले रीप्ले बड़ी आसानी से कर लेते हैं, जब आप खुले मन से चीजों से जुड़ेंगे तो कभी भी निराशा आपके दरवाजे पर दस्तक नहीं दे सकती।