महिला आयोग में पेश हुए रायपुर AIIMS के डायरेक्टर
रायपुर। एम्स के खिलाफ दो मामले छत्तीसगढ़ महिला आयोग में पहुंचे हैं। इन्हीं केसेस की सुनवाई कि सिलसिले में एम्स के डायरेक्टर डॉ. नितिन एम. नागरकर पेश होना पड़ा। सुनवाई में महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक खुद मौजूद रहीं। दरअसल कुछ महीने पहले रायपुर एम्स में साक्षी दुबे नाम की जूनियर डॉक्टर ने खुदकुशी कर ली थी। एक अन्य मामले में महिला डॉक्टर ने एम्स के दूसरे डॉक्टर पर गर्भावस्था में प्रताड़ित करने का आरोप लगाकर शिकायत की थी।
इन दोनों ही मामलों में महिला आयोग ने एम्स के डायरेक्टर से जवाब मांगा था। खुद पेश होकर डायरेक्टर ने पहले सुसाइडल केस के बारे में बताया कि मामले की जांच आमानाका पुलिस थाना और एम्स के स्तर पर जांच जारी है। इस पर एम्स से उनकी जांच रिपोर्ट मांगी गई है। आयोग अब इस मामले की जानकारी थाने से भी लेगा। दरअसल एम्स में ही पढ़ने वाले दूसरे छात्रों ने गुप्त तौर पर आयोग में शिकायत की थी। स्टूडेंट्स का दावा है कि वहां किसी डॉक्टर के परेशान किए जाने की वजह से साक्षी ने जान दी है। आयोग ने इस मामले कहा है कि अब जांच कमेटी का गठन किया जाएगा।
गर्भवती डॉक्टर को किया परेशान
दूसरे मामले में एम्स प्रबंधन पर आरोप लगा है कि एक महिला डॉक्टर को यहां काम करने वाले एक सीनियर डॉक्टर ने जानबूझकर परेशान किया। किरणमयी नायक ने बताया कि महिला ने शिकायत कर बताया था कि एम्स के अफसर ने उन्हें गर्भावस्था में छुट्टी नहीं दी बल्कि रेडिएशन और जोखिम भरी जगहों पर जानबूझकर उनकी ड्यूटी लगाई गई। इस मामले में एम्स के डायरेक्टर से कहा गया है कि वो आयोग को 15 दिनों के भीतर जानकारी देंगे। वो बताएंगे कि इन मामलों में आंतरिक तौर पर मामला पता लगने पर एम्स ने क्या किया। इसके बाद शिकायकर्ता महिला डॉक्टर्स की दलीलों को भी सुना जाएगा।
सैलरी के रूप में मिला हक
आयोग में और भी मामलों की सुनवाई हुई। एक मामला जल जीवन मिशन के अंतर्गत राज्यस्तरीय प्रबंधन इकाई के प्लेसमेंट एजेंसी कॉल मी सर्विसेस से जुड़ा था। एक युवती ने बताया था कि उसे सैलरी नहीं दी गई नौकरी देकर अचानक काम से निकाल दिया गया। तथ्यों को सुनने के बाद फैसला हुआ और युवती को एजेंसी ने दो महीने की सैलरी 64 हजार रुपए दिए।
प्रेमिका को भेजा नारी निकेतन
एक महिला ने बताया कि उसके पति का किसी और के साथ संबंध है। उसके सास-ससुर दूसरी औरत और उसके पति का साथ दे रहे है। पति की प्रेमिका ने दावा किया कि युवक शादीशुदा है ये जानकर भी उसी के साथ रहना चाहती है। आयोग ने इसे अवैध बताते हुए युवती को नारी निकेतन भेजने का आदेश दिया।