रोजगार-नए सेटअप में 1000 नए पदों पर होगी भर्ती,अब हर जिले में फायर स्टेशन

प्रदेश के रिहायशी इलाकों को आग से बचाने के लिए सभी 32 जिलों में फायर ब्रिगेड का स्टेशन शुरू किया जाएगा। इसकी मॉनिटरिंग के लिए अलग सेल भी गठित की जाएगी जो पुलिस मुख्यालय के कंट्रोल रुप से सभी जिलों की मॉनिटरिंग करेगी। गृह विभाग की बैठक में हाल ही में इसका प्रेजेंटेशन दिया गया है। पीएचक्यू के अफसरों के मुताबिक घनी आबादी तक दमकल वाहनों के समय पर नहीं पहुंच पाने तथा आगजनी से होने वाले नुकसान को ध्यान में रखते हुए पूरा अलग सेटअप तैयार किया जा रहा है।
राज्य सरकार के आगामी बजट में इसे शामिल किया जा सकता है। सभी जिलों के लिए नए वाहनों की खरीदी की जाएगी। रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में ज्यादा क्षमता के तथा शेष अन्य जिलों में इससे कम क्षमता के स्टेशन तैयार किए जाएंगे। सभी जिलों में सेटअप तैयार करने के लिए लंबे-चौड़े बल की जरूरत होगी। इसके लिए राज्य सरकार फायर एंड सेफ्टी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट भी शुरू करने की तैयारी में है।
प्रशिक्षित होने वाले जवानों की तैनाती फायर ब्रिगेड अमले के रूप में की जाएगी। ट्रेनिंग सेंटर के लिए भी सेटअप तैयार किया गया है। इनमें डीआईजी स्तर के एक अतिरिक्त प्रधान सेनानी के नए पद सहित एक एसपी स्तर के अफसर की तैनाती की जाएगी।
इन पदों पर होगी भर्ती
सभी जिलों के लिए लगभग 1000 पदों का सेटअप तैयार किया गया है। इनमें इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर श्रेणी के अग्निशमन अधिकारी, वरिष्ठ तकनीकी अग्निशमन अधिकारी, कनिष्ठ तकनीकी अग्निशमन अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी, स्टेशन आफिसर, हवलदार मेकेनिक, वाहन चालक-सह ऑपरेटर, फायरमैन, वॉच रूम ऑपरेटर, डॉटा एंट्री ऑपरेटर के पद सेटअप में शामिल किए गए हैं। इसी तरह नवा रायपुर के कंट्रोल रूम में पदेन डीजीपी, पदेन आईजी स्तर के अफसर की तैनाती की जाएगी।
वाहनों को पहुंचने में देरी, इसलिए बनाया ऐसा प्लान
अफसरों ने बताया कि रायपुर और नवा रायपुर के बीच दूरी लगभग 25 किलोमीटर है। आगजनी की घटना होे पर वाहनों को पहुंचने में लगभग आधे घंटे का समय लगता है। प्रदेश के सभी जिलों में घनी बसाहट होने के साथ ही ऊंची इमारतों की संख्या बढ़ती जा रही है। आग लगने पर उन्हें आसपास के सरकारी या निजी कंपनियों के दमकल वाहनों पर निर्भर रहना पड़ता है। इसके कारण कई बार आगजनी से भारी क्षति हो जाती है।