किसानों के साथ 17 लाख रुपए से अधिक की धोखाधड़ी:

पंडरिया ब्लॉक के सेवा सहकारी समिति खैरझिटी (नया) में किसानों से 17 लाख रुपए से अधिक की धोखाधड़ी हुई है। बीते साल के कृषि ऋण का पैसा किसानों ने समिति में चुकता कर दिया था, लेकिन समिति प्रबंधक ने राशि बैंक में जमा नहीं किया।रिकॉर्ड जांच कराने पर पता चला कि खातों में पुराने कर्ज की रकम काटी नहीं गई है, जबकि पीड़ित किसानों ने समिति में पुराना ऋण के 17 लाख रुपए जमा कर दिया था । पीड़ित किसानों ने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है।
खैरझिटी (नया) समिति में किसानों के 8 हजार रुपए से लेकर 55 हजार रुपए तक गबन किया गया है। ग्राम कोड़ापुरी के किसान रामकुमार 55200 रुपए, नवागांव मुसऊ के किसान नंदकुमार 9864 रुपए, ग्राम नेऊरगांव के किसान भद्दूराम का 9 हजार रुपए, नेऊरगांव की किसान राधा 8900 रुपए गबन हुआ है। इसी तरह ग्राम तरेला, नेऊरगांव, नवागांव मुसऊ, नवापारा और कोड़ापुरी के किसानों से धोखाधड़ी हुई है।
मंगलवार को कलेक्टोरेट पहुंचे पीड़ित किसान रामकुमार, भद्दूराम, राकेश कुमार, नारायण और रामकुमार समेत अन्य किसानों ने समिति प्रबंधक शत्रुहन चंद्राकर, समिति के कर्मचारी प्रेमचंद चंद्राकर और रवि चंद्राकर के खिलाफ शिकायत की। कलेक्टर से जमा की गई राशि वापस दिलाने और दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार करने मांग की गई है। साथ ही पीड़ित किसानाें ने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई।
इससे पहले सहसपुर लोहारा ब्लॉक के रणजीतपुर समिति में भी 100 से ज्यादा किसानों के 80 लाख रुपए गबन की शिकायत मिली थी। समिति में पुराना ऋण चुकाने के बावजूद प्रबंधक ने बैंक में राशि जमा नहीं किया था। मामले की जांच अब भी पेंडिंग है। जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी आरपी मिश्रा का कहना है कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है। टीम ने जांच रिपोर्ट कार्रवाई के लिए राजनांदगांव सीईओ को भेजी है।
समिति प्रबंधक की इस करतूत से 6 गांव के किसान परेशान हैं। क्योंकि पीड़ित किसानों को चालू खरीफ सीजन में खेती के लिए सहकारी बैंक से केसीसी लोन नहीं मिल पाया और न ही खाद- बीज भी ले सके। वहीं पुराना कर्ज की राशि समायोजित न होने से किसानों की जमीन भी सहकारी बैंक में गिरवी (बंधक) रखी हुई है। इसकी वजह से किसानों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है।
कलेक्टर जनमेजय महोबे का कहना है कि समिति प्रबंधक के खिलाफ शिकायत मिली है। मामले की जांच के लिए बैंक स्तर पर टीम गठित की गई है। यदि अपराध पाया जाता है, तो कार्रवाई होगी। यह भी निर्देशित किया है कि अगर बैंक का कोई फाल्ट है, तो किसानों को उनका पैसा मिलना चाहिए। जो भी विधिवत कार्रवाई है, वह बैंक के द्वारा की जाएगी।