नगर पालिका परिषद् कवर्धा के उदासीनता के चलते बेपरवाह यूपी बिहार से आये हुवे चौपाटी वालों की मनमानी पालिका के सराखों पर

कवर्धा |दरअसल मामला है नगर पालिका परिषद् कवर्धा में स्थापित गायत्री मंदिर चौक का जहाँ अन्य राज्य से आए लोगो के द्वारा बेख़ौफ़ होकर रास्ते में स्टाल लगाया जा रहा है,हिम्मत इतनी के इनके द्वारा प्रतिबंधित पोलीथिन का उपयोग किया जाता है ,जिसे उपयोग के बाद रास्ते में व् पीछे नालियों मे फेंक इनके द्वारा गंदगी फैलाया जा रहा है, जिसका सीधा असर आस पास में चराई करने वालें मवेशीयों पर पड़ रहा है |भूंखे प्यासे घुमंतू मवेशी चारे के कमी के कारण उपयोग हुए पोलीथिन को चारा समझ अपनी भूख मिटाने को मजबूर होकर अपनी जान कि बाज़ी दाव में लगा रहे है | चौपाटी लगाने वाले दुकान दारो की हिम्मत का दाग देनी पड़ेगी की गायत्री मंदिर चौक में स्थापित यात्री प्रतीक्षालय को काबिज कर उसमे अपना धंधा जोरो शोरों से चला रहे है, यात्री प्रतिक्षयल होता है यात्रियों के प्रतीक्षा के लिए लेकिन इसका उपयोग चौपाटी वाले अपने ग्राहकों को अन्दर बैठकर एक अच्छी सुविधा देने के लिए कर रहे हैं ,इससे साफ प्रतीत होता है की नगर पालिका परिषद् चौपाटी वालों के नखरे बखूबी से उठा रहे है, इसलिये शायद इनके हौसले बुलंद होते जा रहे है भविष्य में यही हाल रहा तो स्वक्षता के लिए जानी जाने वाली नगर पालिका परिषद् कवर्धा गंदगी के लिए जाना जायेगा |
बेपरवाह चौपाटी वालों के कारण यातायात प्रभावित |
नगर के गायत्री मंदिर चौक में चौपाटीयों की संख्या अत्यधिक होने के कारण यंहा शाम चार बजे से रात्रि दस बजे तक लोगों का मजमा लगा होता है ,जिसके कारण यंहा अक्सर जाम की स्थिति बनी होती है , जिससे यातायात प्रभावित होता है ,ज्ञात हो कि यथा स्थान में कई बड़ी दुर्घटना पहले से ही घट चुकी है,ऐसा नही है की इसकी जानकारी नगर पालिका अधिकारी नरेश कुमार वर्मा जी को या नगर यातायात प्रभारी को न हो ,बावजूद नगर पालिका परिषद् के द्वारा व् यातायात विभाग के द्वारा अब तक किसी भी प्रकार का कोई कठोर कार्यवाही नही किया जाता आखिर क्यों यह एक प्रश्नवाचक चिन्ह की तरह है ,जैसे मानो की पूरा नगर पालिका परिषद् चौपाटी लगाने वालों से प्राप्त राजस्व से चलता हो शायद इसलिए नरेश कुमार वर्मा मुख्य नगर पालिका अधिकारी व् नगर यातायात प्रभारी इनके ऊपर उचित कार्यवाही करने से कतराते नजर आ रहे है. अब देखना यह होगा की क्या मामले को संज्ञान में लेते हुवे उच्च अधिकारीगण कार्यवाही करते है या नही या वे भी सुस्तीकरण का परिचय देते हैं |