रायपुर जिला

जाली नोट का बड़ा स्कैम: एक्सीस बैंक में तीन साल तक जमा होते रहे 5 लाख से ज्यादा के नकली नोट

पुलिस के पास नकली नोट खपाने का एक बड़ा मामला पहुंचा है। इस कांड में किसी आम आदमी को नहीं बल्कि बैंक को चूना लगाया गया है। 500, 200, 100 और 2 हजार रुपए के दर्जनों नकली नोट भेजे गए। बाकायदा ये बैंक मंे जमा हो गए। अब बैंक ने जब अपनी करेंसी की जांच की तो इन नकली नोटों का खुलासा हुआ। बैंक की तरफ से रायपुर के सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है।इस शिकायत के मिलते ही ये साफ हो गया है कि छत्तीसगढ़ में नकली नोटों का बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। इसका शक इस वजह से क्योंकि बैंक में चंद रुपए नहीं बल्कि थोड़े-थोड़े करते हुए पूरे 5 लाख 60 हजार 560 रुपए रुपए जमा कराए गए। इस रकम का हर नोट नकली था। ये रुपए बैंक के करंसी चेस्ट में हैं। ये बैंक का बड़ा लॉकर होता है जहां कैश जमा रहता है।

बैंककर्मियों पर शक
इस पूरे कांड में बैंक के कुछ कर्मचारियों की मिली भगत भी हो सकती है। कैश काउंटर पर बैठे कैशियर मशीन में नोटों को गिनते हैं, कई बार नोट को जांचते भी हैं। बैंक मंे लगी कैश डिपाॅजिट मशीन होती है जो जरा से मुड़े या फर्जी नोट को पकड़ सकती है। मगर हैरत की बात है इस पूरे कांड में न तो मशीन ने नोट पकड़ी न बैंक के कर्मचारियों ने।

तीन सालों तक जमा होते रहे नोट
बैंक के कर्मचारियों ने नोट के रिकॉर्ड चेक किए इसमें भी काफी वक्त लगा। तब जाकर बैंक को पता चला कि नोट साल 2018 से 2021 तक जमा किए गए। अब कितने नोट कब जमा किए गए इसकी जानकारी नोट की संख्या के साथ पुलिस से साझा की गई है। पुलिस के मुताबिक इन नोटों को खपाने वाले शातिर थे कभी दो तो कभी तीन नकली नोट बड़ी चालाकि से जमा किए गए। अब ये भी जांचा जा रहा है कि कहीं बैंक के किसी कर्मचारी की तो इस स्कैम में भूमिता न रही हो।

रायपुर में नकली नोटों की फैक्ट्री
पिछले साल छत्तीसगढ़ के बस्तर से लगे ओडिशा के कोरापुट जिले में 7.90 करोड़ रुपए के नकली नोट पकड़े थे। इन नोटों को रायपुर में ही छापा गया। इसके बाद रायपुर नंबर की ही लग्जरी गाड़ी से विशाखापट्नम ले जाया जा रहा था। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था। नकली नोटों का मास्टरमाइंड अमरताल निवासी इंजीनियर रविंद्र कुमार मनहर था। इसने रायपुर में ही नकली नोट छापे थे।कोरापुट SP वहां रुटीन चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान CG-04 S 0545 नंबर की फोर्ड गाड़ी आती दिखाई दी। पुलिस को शंका हुई कि उसमें गांजा हो सकता है। इस पर रुकवाकर जांच की गई तो चार सूटकेस मिले। इसमें 500-500 रुपए के नोट रखे थे। उनकी गिनती की गई तो नकली नोट के 1580 बंडल मिले थे।

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