राज्य शासन के इशारे पर काम कर रही पुलिस, सांसद व पूर्व सांसद को फरार बताना निंदनीय : भावना बोहरा
कवर्धा में भगवा ध्वज के अपमान को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले पूर्व सांसद अभिषेक सिंह एवं वर्तमान सांसद संतोष पाण्डेय सहित एनी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं पर पुलिस ने अपराध दर्ज किया है। इस मामले में कवर्धा पुलिस द्वारा एकतरफा कार्रवाई करते हुए क्षेत्र में सक्रीय राजनांदगांव लोकसभा के पूर्व सांसद अभिषेक सिंह एवं सांसद को फरार बताते हुए उनकी संपत्ति कुर्क करने के आदेश को लेकर भाजपा के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों में आक्रोश है और इसका विरोध कर रहें हैं।
राजनांदगांव के पूर्व सांसद अभिषेक सिंह और वर्तमान सांसद के खिलाफ द्वेष पूर्व कार्रवाई को निंदनीय बताते हुए भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री और कबीरधाम जिला पंचायत की सभापति भावना बोहरा ने कहा कि कवर्धा पुलिस राज्य शासन के इशारे पर द्वेष पूर्व कार्रवाई कर रही है। दंगा फ़ैलाने वालों को संरक्षण देते हुए पुलीस प्रशासन द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से भगवा ध्वज का अपमान करने के विरोध में प्रदर्शन करने वाले लोगों पर षड्यंत्र पूर्वक अपराध पंजीबद्ध कर उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। यह कितनी बड़ी विडंबना है कि, छत्तीसगढ़ सरकार जो जनता की सेवा करने के लिए आई है, वह अपने शक्ति का इस कदर दुरुपयोग कर रही है कि, पुलिस को ही यह निर्देश दे दिया कि एक पूर्व सांसद और सांसद को फरार घोषित करते हुए केस दर्ज करें। लागतात जनता के बीच सक्रिय रहने वाले पूर्व सांसद अभिषेक सिंह जो जनता के हर सुख-दुःख में उनके साथ खड़े रहते हैं, उनकी आवाज बनकर उनके अधिकारों के लिए लड़ते हैं और जनता की सेवा के लिए हमेशा सक्रियता से क्षेत्र का भ्रमण करते हुए जनता की समस्या के निराकरण के लिए तत्पर रहते हैं उनकी सक्रियता से घबराकर, राजनीतिक द्वेष के कारण उनके छवि को धूमिल करने के लिए यह षड्यंत्र रचा गया है।
भावना बोहरा ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस, राजनांदगांव के पूर्व सांसद अभिषेक सिंह एवं सांसद को फरार बताकर उनकी संपत्ति को कुर्क करने का भरसक प्रयास कर रही है। जब क्षेत्र के पूर्व सांसद और सांसद का दैनिक प्रोटोकाल पुलिस प्रशासन के साथ साझा किया जाता है, जिसमे प्रतिदिन हर घंटे का ब्यौरा रहता है और पुलिस प्रशासन ही उनकी सुरक्षा में तैनात रहती है तो आखिर उन्हें फरार घोषित करना पुलिस प्रशासन की कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़ा करती है और यह साफ़ करती है कि राजनीतिक द्वेष के चलते पुलिस विभाग द्वारा यह कार्रवाई की गई है जो की निंदनीय है।”परित्राणाय साधुनाम” को आत्मसात करने वाले पुलिस बल से क्या यही अपेक्षा अब छत्तीसगढ़ की जनता रख सकती है? सबसे बड़ा प्रश्न तो यह है कि यदि छत्तीसगढ़ सरकार में इतना बड़ा षडयंत्र एक सांसद व पूर्व सांसद सहित एक पार्टी विशेष के वरिष्ठ नेताओं के साथ हो सकता है तो फिर जनता अपनी सुरक्षा हेतु कहाँ जाएगी।
भावना बोहरा ने छत्तीसगढ़ सरकार पर हमले बोलते हुए कहा कि एक ओर पुलिस प्रशासन पर राजनीतिक दबाव बनाकर बेकसूर लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया जा रहा हैं वहीं छत्तीसगढ़ शासन के श्रम मंत्री खुलेआम जनता को थप्पड़ जड़ रहें हैं। उन्होंने कहा कि जनता अपनी आवश्यकताओं व आकाँक्षाओं के लिए जनप्रतिनिधियों को चुनती हैं जो उनकी आवाज बने उनके सुख-दुःख में साथ दें व उनकी समस्याओं का निराकरण करें। लेकिन मंदिर हसौद में जब जनता ने नगरीय प्रशासन एवं श्रम मंत्री शिव डहरिया को क्षेत्र में पानी की समस्या से अवगत कराया तो उनकी सहायता के बदले मंत्री जी ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया यह अत्यंत ही निंदनीय है। इस पूरे मामले में मंत्री जी को जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। जब जनप्रतिनिधि ही जनता की आवाज नहीं सुनेंगे तो वे किसके पास जाएंगे?