महिलाएं बोली- सिर्फ चावल-दाल और आलू की सब्जी मिलती है:सीएचसी में थाली नहीं, गर्भवती को प्लास्टिक में परोसा जा रहा भोजन
राज्य सरकार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुरक्षित प्रसव को लेकर भर्ती गर्भवती एवं प्रसूति महिलाओं को भोजन में पौष्टिक आहार एव फल देने राशि जारी करी है। लेकिन गर्भवती एव प्रसूति महिलाओं को महिलाओं के अस्पताल में गुणवत्ता विहीन भोजन परोसा जा रहा है। जिसे खाने में भी मरीज झिझकते है।लापरवाही की हद तो यह है कि अगर मरीज घर से थाली नहीं लाया तो खाना भी प्लास्टिक की थैली दिया जा रहा है। बताया जाता है कि गुणवत्ता विहीन भोजन परोसे जाने की वजह प्रसूति के लिए अस्पताल आने वाली आसपास की महिलाएं घर से खाना भी मंगाती है। ऐसा ही एक मामला रविवार को देखने को मिला। जानकारी के अनुसार ग्राम कर्री की एक महिला एंजोरिया बाई को शनिवार शाम को प्रसव पीड़ा हुई। तो उसे 7 बजे एम्बुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया। उसे खाना नहीं दिया गया। महिला ने बताया कि खाना खत्म हो गया है। इस पर महिला को भूखे सोना पड़ा। रविवार की सुबह नाश्ते में फोहा दिया गया। उसके बाद दोपहर में दाल चावल आलू की सब्जी थाली नही एक प्लास्टिक में डालकर दिया गया। महिला ने बताया कि उसे यह खाना अच्छा नही लग रहा है। लेकिन खाना उसकी मजबूरी है। बताया जाता है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले 6 माह से पोष्टिक भोजन नही दिया जा रहा है। यहां तक कि प्रसूति महिलाओं को भी सामान्य मरीजों की तरह सिर्फ चावल दाल और आलू की सब्जी ही परोसी जा रही है। फल और अन्य पौष्टिक आहार तो गायब रहते है। अस्पताल में भोजन की अव्यवस्था को लेकर कई बार शिकायते भी हुई। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ सुधार करने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है। और समस्या जैसे कि तैसे बनी हुई है।
सीएमएचओ बोले- मामले की जांच करवाएंगे
भोजन की लचर व्यवस्था को लेकर मिल रही लगातार शिकायतों के बाद पिछले दिनों सीएमएचओ द्वारा अस्पताल दन्त चिकित्सक आर पी सिंह को भोजन व्यवस्था जिम्मेदारी दी गई, लेकिन व्यवस्था में कोई भी सुधार नही हुआ है। मामले में सीएमएचओ डॉ रामेश्वर शर्मा उससे बात की गई तो उन्होंने कहा मामले की जांच करवाई जाएगी।