रायपुर जिला

युवा मंत्री उमेश पटेल बने रोजगार मिशन के कार्यकारी अध्यक्ष: 5 साल में 15 लाख रोजगार का लक्ष्य; शोध, स्टार्टअप, लोन में मिशन निभाएगा भूमिका

उच्च और तकनीकी शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, रोजगार और युवा विभाग के मंत्री उमेश पटेल को सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें नवगठित छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। इसका आदेश जल्दी ही जारी कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद इस मिशन के अध्यक्ष हैं।यह मिशन रोजगार से जुड़े सभी महत्वपूर्ण विभागों के बीच में समन्वय स्थापित कर नए-नए रोजगार की संभावना तलाशने के साथ ही उन्हें संचालित करने में मदद करेगा। मुख्य सचिव इस मिशन के उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। मिशन के काम-काज को व्यवस्थित रूप से संचालित करने के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति की गई है।सरकार ने रोजगार मिशन के जरिए अगले पांच सालों में रोजगार के 15 लाख नए अवसरों का सृजन करने का लक्ष्य तय किया है। यह मिशन रोजगार को बढ़ावा देने संबंधी नीतिगत फैसले लेगा और राज्य की औद्योगिक नीति और अन्य नियमों में जहां भी आवश्यक प्रावधान करने की जरूरत होगी अपनी सिफारिश करेगा। सभी जिलों में रोजगार के लिए विशिष्ट क्षेत्रों को चिन्हित किया जाएगा। इनमें परम्परागत अवसरों के साथ ही रोजगार के नए अवसरों की पहचान की जाएगी।रोजगार के इच्छुक युवाओं को चुनकर उनके लिए कौशल विकास की व्यवस्था की जाएगी। जिलों में रोजगार पार्क भी बनाए जाएंगे। रूरल इंडस्ट्रियल पार्कों में तैयार उत्पादों की शासकीय खरीदी के अलावा खुले बाजार में बिक्री की व्यवस्था की जाएगी। सेवा क्षेत्रों में नए रोजगार की संभावनाओं को देखते हुए इन गतिविधियों में युवाओं के कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।

शैक्षणिक संस्थानों से भी मदद लेगा मिशन
अधिकारियों ने बताया, रोजगार के नए अवसरों के सृजन के लिए यह मिशन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), भारतीय प्रबंध संस्थान (IIM) और कृषि विश्वविद्यालयों से भी मदद लेगा। उनके साथ छत्तीसगढ़ के उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शोध कार्य होगा। मिशन स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने के साथ उत्पादों की मार्केटिंग स्ट्रेटजी और ऋण सुविधा उपलब्ध कराने में मदद भी करेगा।

प्रत्येक जिले में 10-20 विशिष्ट गतिविधियों पर फोकस
बताया जा रहा है, रोजगार की गतिविधियां बढ़ाने के लिए सभी जिलों में वहां की परिस्थितियों के अनुसार गतिविधियों पर फोकस किया जाना है। इसके तहत चुनी गई 10 से 20 गतिविधियों में जिले स्तर पर कार्य योजना तैयार की जाएगी। कार्य योजना अल्पावधि और दीर्घ अवधि दोनों के लिए तैयार होगी। इसके लिए सभी जिला कलेक्टरों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

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