बस्तर जिले के भेजरीपदर गाँव में दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प से गाँव में अभी भी तनावपूर्ण स्थिति

बस्तर| जगदलपुर से करीब 30 किमी दूर स्थित भेजरीपदर गांव में दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प के तीन दिन बाद भी गांव में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। गांव को पूरी तरह से छावनी के रूप में तब्ल कर दिया गया है। 6 DSP, 10 TI और करीब 400 से ज्यादा जवान तैनात किए गए हैं। करीब 3 किमी के दायरे को घेरकर रखा है। पूरी टीम सिचुएशन को कंट्रोल करने में लगी हुई है ।
गाँव के चारों तरफ पुलिस तैनात है। स्कूल भवन के अंदर जवानों ने तंबू गाड़कर डेरा जमा रखा है। गांव के आदिवासियों की मांग है कि, जिस धर्मांतरित महिला के शव को गांव में दफनाया गया है उसे वापस निकाला जाए। या फिर महिला का पूरा परिवार मूल धर्म में लौट आए। अगर ऐसा होता है तो विरोध खत्म कर देंगे। हालांकि, दूसरे पक्ष के लोग बात मानने से इनकार कर रहे हैं।
गांव की आबादी करीब 1100 की है। दोनों समुदाय के लोगों की संख्या लगभग बराबर ही है। जब तक माहौल पूरी तरह से शांत नहीं होता तब तक फोर्स यहीं रहेगी।
बस्तर जिले के तोकापाल ब्लॉक के भेजरीपदर गांव में रहने वाले एक परिवार ने कुछ साल पहले अपने मूल धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया था। अब जब इस परिवार की एक बुजुर्ग महिला की शनिवार को मौत हुई तो ग्रामीणों ने गांव में उसके शव को दफनाने नहीं दिया। इसे लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद बढ़ता गया। जिससे शव को परिजन घर पर ही रखे थे। इधर, अगले दिन इस मामले की जानकारी जिला प्रशासन के अफसरों और पुलिस को मिली। जिसके बाद सोमवार को कई अधिकारी और बस्तर जिले की ASP निवेदिता पॉल जवानों के साथ गांव पहुंची।
यहां दोनों पक्षों के बीच विवाद को शांत करवाया जा रहा था। लेकिन विवाद और बढ़ गया। गांव वालों ने प्रशासन की टीम को जाने के लिए कहा था । इधर मृत महिला के परिजनों ने शव को पुलिस को सौंप दिया था। जब पुलिस ने शव दफनाने की कोशिश की तो भीड़ उग्र हो गई। जवानों के साथ ही धक्का-मुक्की की। पथराव किए। इस तनातनी के माहौल में करीब 4 से 5 पुलिस जवानों को चोट आई है। जिसके बाद जिला मुख्यालय से अतिरिक्त बल को भी मौके के लिए बुलाया गया। देर शाम तक प्रशासन की टीम गांव वालों को समझाइश देने में लगी रही। फिर बाद में शव को दफनाने दिया गया।