कबीरधाम विशेषछत्तीसगढ़ स्पेशल

कवर्धा : 21 दिन जेल मे रहने के बाद आखिर मिली राहत,भाजपा नेता विजय व कैलाश को मिली जमानत

कवर्धा : भाजपा नेता विजय शर्मा और कैलाश चंद्रवंशी 21 दिन से जेल में बंद रहने के बाद आखिर हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। बिलासपुर हाईकोर्ट ने दोनों को जमानत दे दी है। प्रदेश की बहुचर्चित कवर्धा की झंडा विवाद में जेल में बंद दोनों भाजपा नेता के खिलाफ कवर्धा थाने में एट्रोसिपर टी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज हुआ था।

कवर्धा में जमानत याचिका खारिज होने के बाद 28 जनवरी को हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी,जिस पर हाईकोर्ट कोर्ट ने 10 मार्च को सुनवाई की तारीख तय कि थी । 8 फरवरी को 90 दिन का पैरोल समाप्त होने पर उक्त भाजपा नेताओं ने अंतरिम राहत के लिए पुनः हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

इसे भी कोर्ट ने खारिज कर 10 मार्च को ही प्रकरण की सुनवाई तय की थी। लेकिन अचानक बदलते घटनाक्रमों के बीच सोमवार को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई की  और भाजपा नेता विजय शर्मा , कैलाश चंद्रवंशी को जमानत  दी ।

क्यो गए था मामला… 
21 सितंबर 2021 को भाजपा नेता विजय शर्मा व कैलाश चंद्रवंशी समेत अन्य राशन कार्ड की समस्या को लेकर ग्रामीणों के साथ कलेक्टोरेट पहुंचे थे। इसी दौरान जिला खाद्य अधिकारी अरुण मेश्राम के साथ विवाद हुआ था। इस पर कोतवाली थाने में 23 अक्टूबर 2021 को दोनों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराया गया था।

झंडा विवाद में एफआईआर होने पर दोनों नेताओं ने सरेंडर किया था। इसी दौरान पुलिस ने दोनों भाजपा नेताओं पर एट्रोसिटी एक्ट मामले में भी गिरफ्तारी दर्शा दी थी। मामला राज्यपाल तक पहुंच गया था। प्रदेश के भाजपा नेताओं ने राज्यपाल को ज्ञापन देते हुए दोनाें को झूठे मामले में फंसाए जाने और फर्जी एफआईआर को निरस्त करने मांग की गई थी।

पुलिस ने फर्जी एफआईआर दर्ज की: परिहार
केस की पैरवी कर रहे अधिवक्ता पोखराज सिंह परिहार ने कहा कि विजय शर्मा और कैलाश चंद्रवंशी के खिलाफ जिला खाद्य अधिकारी ने 21 सितंबर को अजाक थाना कवर्धा में लिखित शिकायत किया था। आवेदन में जातिगत या एट्रोसिटी वाले विषय का कोई उल्लेख नहीं था। अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में पूर्व में दिए आवेदन के तथ्यों को छिपाया गया और फर्जी एफआईआर दर्ज कराया गया। आज हमें उच्च न्यायालय से न्याय मिला है।

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